औजार बनाने वाला
इस गर्मी के समय मे
तैयार कर रहा हैं लोहे
को गर्भ भट्टी के अन्दर
घडशील के उपर पीट रहा
हथोड़े से गर्म लोहे को
पसीने से लथपथ हुआ है
औजार बनाने वाला
टन टन टन आवाज
गूंजने लगती है
जैसे की लोहा पिघलने
के लिए आतूर बना है
हथोड़े के हजारों प्रहार से
कठोर लोहे को आकार देने
के लिए तन्मयता से काम
कर रहा है। औजार बनाने वाला
पुरखों की शिल्पी विरासत समझकर
लाचारी का जीवन जीता
निर्मित अनगिनत
कलाओं में से यह
एक कला और हैं
औजार बनना
जिन से होता है
कृषि कार्य
जीवन भर,
और तो और
जिंदा रहने के लिए
बनाने होते हैं औजार
फिर भी वंचित होता हैं
औजार बनाने वाला
हर आय-व्यय से
शिल्प कला से तात्पर्य हैं
कि हमारे समस्त
सुविधाजनक औजारों को
अपनी हथोडी से
चित्रित करते यह
जीवन के सबसे बड़े औऱ
सबसे उपेक्षित कलाकार हैं
वही इस कड़ी धूप में
गर्भ भट्टी की ताप से
झुरियां आ गई है माथे पर
औजार बनाने वाले के
कोयले की तरह काला आदमी
यह कालापन इन्हें
शायद अनंत कालो की
सहनशक्ति से
प्राप्त हुआ होगा?
यह शोध के लिए
बेतुका विषय हो सकता हैं,
पर इसका मेहनत
से बहुत ही गहरा
ताल्लुक हैं,
यह समझना ज्यादा जरूरी हैं।
गंगा शाह आशुकवि
आकाशवाणी केंद्र नई टिहरी