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Rules Regulations of Organization

 संगठन का विधान एवं नियम-Rules Regulations of Organization

आदेश (संगठनात्मक-आंतरिक आदेश)

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आदेश दिनांक-20-09-2024

 👉 संगठन के मुख्य शाखा एवं प्रकोष्ठ के प्रत्येक स्तर के सदस्यो एवं कार्यकर्ताओ को सूचित किया जाता है कि संगठन के विधान एवं नियमो का अध्ययन नही करने के कारण विभिन्न स्तरों पर वाद विवाद उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है तथा प्रोटोकॉल का उलंघन भी होता रहता है। अतः इस आदेश को संगठन के नियमो का हिस्सा समझ कर पढ़ा जाए व अमल में लाया जाए।

संगठन में नियुक्तियों या निष्कासन का अधिकार

👉 राष्ट्रीय अध्यक्ष-मुख्य शाखा या प्रकोष्ठ में राष्ट्रीय, जोनल, प्रदेश, संभाग, जिला, तहसील या उससे नीचे ऊपर किसी भी स्तर पर स्वयं या किसी भी सदस्य या पदाधिकारी को लिखित पत्र,ईमेल, Whatsapp, Messenger या सोशल मीडिया के अन्य माध्यम से निर्देशित कर नियुक्ति कर सकता है।

👉 मुख्य शाखा के जोनल अध्यक्ष-अपनी जोनल कार्यकारिणी व उनके अधीन आने वाले समस्त राज्यो के प्रकोष्ठों के प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए उस राज्य की मुख्य शाखा के प्रदेशाध्यक्ष को नियुक्ति की सिफारिश कर सकता है, जिसे जाँच पड़ताल के बाद प्रदेशाध्यक्ष मान्य करेगा अन्यथा अपनी मर्ज़ी से योग्य व्यक्ति को नियुक्त करेगा।

👉मुख्य शाखा के प्रदेशाध्यक्ष-अपने अधीन समस्त प्रकोष्ठों के प्रदेशाध्यक्ष को एवं अपनी प्रदेश कार्यकारिणी की नियुक्ति करेंगे।

👉 प्रकोष्ठों के प्रदेशाध्यक्ष-अपनी प्रदेश कार्यकारिणी एवं सम्बंधित प्रकोष्ठ के संभाग अध्यक्ष की नियुक्ति करेंगें।

👉 मुख्य शाखा व प्रकोष्ठों के संभाग अध्यक्ष -अपनी कार्यकारिणी एवं अपने अधीन आने वाले जिलाध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे।

👉 मुख्य शाखा व प्रकोष्ठों के जिलाध्यक्ष-अपने अधीन आने वाली जिला कार्यकारिणी एवं तहसील, ग्राम या इससे नीचे स्तर के अध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे या तहसील अध्यक्ष को कार्यकारिणी बनाने का निर्देश देंगे।

👉 मुख्य शाखा व प्रकोष्ठों के कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष या प्रदेश महासचिव -अपने प्रदेशाध्यक्ष के आदेश की अनुपालन में ही उनकी नियुक्ति शक्ति का उपयोग कर सकते है। किंतु उन्हें आपस मे फोन, लिखित या व्यक्तिगत रूप से मिलकर आपस मे समन्वय करके नियुक्ति करनी होगी।

👉 कोई भी पदाधिकारी किसी अन्य पदाधिकारी की नियुक्ति शक्ति को ओवरटेक नही कर सकता, पदाधिकारी स्वयं सहमति दे तो ही कर सकता है।

👉 व्यक्तिगत दौरे को संगठनात्मक दौरे के रूप में नही माना जायेगा। व्यक्तिगत दौरे में संबंधित क्षेत्र के पदाधिकारी मिलने आये या न आये यह उनके आपसी संबंध पर निर्भर करेगा, इस पर कोई दबाव नही है। यदि किसी पदाधिकारी का किसी क्षेत्र में व्यक्तिगत दौरा हो किन्तु उसके अधीन आने वाली कार्यकारिणी की संगठनात्मक मीटिंग लेने का इच्छुक हो तो इस संबंध में राष्ट्रीय अध्यक्ष, मुख्य शाखा व संबंधित प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष व सम्बंधित क्षेत्र के वरिष्ठतम पदाधिकारी को संगठन के व्हाट्सऐप ग्रुप, व्यक्तिगत फोन पर सूचना देनी होगी ताकि वह पदाधिकारी क्षेत्र के कार्यालय में मीटिंग रख सके तथा उक्त बैठक में उस क्षेत्र के सभी मुख्य या प्रकोष्ठ के सदस्यो को उपस्थित होना होगा तथा अपने कार्यो एवं समस्याओं से अवगत करवाना होगा। उक्त दौरे में आये पदाधिकारी की यथायोग्य श्रद्धानुसार स्वागत सम्मान व मीटिंग का खर्च उक्त क्षेत्र के टीम मेम्बर्स आपसी कॉन्ट्रिब्यूशन से करेंगे। सम्बंधित पदाधिकारी के रहने खाने की व्यवस्था उसको अपने निजी स्तर पर करनी होगी। क्षेत्र की टीम अपनी इच्छा से भोजन व रहने की व्यवस्था करना चाहे तो कर सकती है।

👉 संगठनात्मक दौरे पर जाने वाला पदाधिकारी सर्वप्रथम तो अपनी नियुक्ति शक्ति के अधीन ही आने वाले पदाधिकारी की नियुक्ति कर सकता है किंतु उस क्षेत्र की टीम से विचार विमर्श भी करना आवश्यक है।

👉 दौरे में जाने पर किसी भी पूर्व पदाधिकारी द्वारा स्वागत सत्कार को व्यक्तिगत ही माना जावे तथा दौरे पर जाने से पूर्व उस क्षेत्र के समस्त वर्तमान व पूर्व पदाधिकारियों की जानकारी उस क्षेत्र के वरिष्ठतम सदस्य से ली जानी चाहिए।

👉 मुख्य शाखा व प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष यदि चाहे तो अपनी नियुक्ति शक्ति को कार्यवाहक प्रदेशाध्यक्ष व प्रदेश महासचिव या अन्य प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के बीच राज्यो में मौजूद संभागों के हिसाब से बांट सकता है।

👉 संगठन का कोई भी सदस्य न तो किसी से नीचा है न ऊँचा किन्तु संगठन के पदों के प्रोटोकॉल का और एक दूसरे के आत्मसम्मान का विशेष ध्यान रखा जाए, उच्च पदाधिकारियों को अपने अधीन पदाधिकारियों को विनम्रतापूर्वक आदेश/निर्देश देना चाहिए ।

👉संगठन का कोई पदाधिकारी अन्य संगठन में बिना सूचना दिए कोई पद या नियुक्ति लेता है तो हमारे संगठन से उसकी नियुक्ति या सदस्यता स्वत्: ही रद्द समझी जाएगी।

👉 किसी भी प्रकार के वाद विवाद में राष्ट्रीय अध्यक्ष या राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर कोर कमेटी व अनुशासन समिति का संयुक्त निर्णय मान्य होगा।

👉 कोई भी सदस्य अपने उच्च पदाधिकारियों से त्यागपत्र नही माँग सकता। यदि किसी पदाधिकारी के काम से असंतुष्टि हो तो कोर कमेटी या अनुशासन समिति को व्यक्तिगत रूप से अवगत करवाना होगा।

👉 यदि किसी भी स्तर पर कोई उच्चतर पदाधिकारी नियुक्त न हो तो उससे निम्नतर पदाधिकारी उस पद की शक्तियों का प्रयोग करेगा। उदहारण के तौर पर यदि मुख्य शाखा या प्रकोष्ठ में जोनल अध्यक्ष नियुक्त नही है तो उसके बाद आने वाले पदाधिकारी उसकी शक्तियों का प्रयोग करेगा।

👉सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि इस नियम संबंधी आदेश को सुरक्षित पत्रावली में सुरक्षित रखे व आवश्यकता पड़ने पर नियमो का अनुशरण करे।

शुभकामनाओ सहित

अमित वाजपेयी 

राष्ट्रीय अध्यक्ष

राष्ट्रीय सोशल मीडिया संघ


राष्ट्रीय  सोशल मीडिया संघ का विधान नियम विनियम एवं सामान्य जानकारियाँ

राष्ट्रीय सोशल मीडिया संघ क्या है व इसके उद्देश्य क्या है ?


हमारी संस्था में बगैर किसी भेदभाव के सभी राजनैतिक और सामाजिक स्तर के लोगो को हमारे संगठन में स्थान दिया जाता है ताकि सरकार किसी की भी हो समाज के अवरुद्ध न हो | हमारे संगठन का मूल उद्देश्य सामाजिक, प्रशासनिक व राजनीतिक स्तरों पर वंचितों को आगे बढ़ाना है | राष्ट्रीय  स्तर पर सामाजिक समरसता पर कार्य करके राष्ट्रीय एकता स्थापित करना हमारा ध्येय है | इस संगठन में समाज के विभिन्न पहलुओ को देखते हुए कई अलग अलग विषयों के प्रकोष्ठों का भी गठन किया गया है, सभी प्रकोष्ठ मुख्य संगठन के समान ही संगठन के विधान से पोषित एवं शक्ति प्राप्त है बस केवल उनके विषय अलग अलग है | इन प्रकोष्ठो (कुछ एक जाति विशेष को छोड़कर) एवं मुख्य शाखा में SC/ST/OBC/Minorities अर्थात अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्प संख्यक, पिछड़ी जाति एवं  सामान्य जातियों की गरीब एवं वंचित रही जातियो के सदस्य होंगे | ऐसा कोई नियम नहीं है की इनमे से केवल एक ही जाति के लोग होंगे या अलग अलग जाति के, यदि एक ही जाति समुदाय के लोग हो या सबमे से कुछ, चाहे जो भी स्थिति हो, सब आमंत्रित है कार्य करने के लिए और कार्यकारिणी सदस्य किसी भी जाति विशेष/समुदाय का ही क्यों न हो वो सभी के हित के लिए कार्य करने के लिए बाध्य है | संस्थापक सदस्यों जिनमे मुख्यतः राष्ट्रीय संयोजक/संरक्षक व राष्ट्रीय अध्यक्ष /संस्थापक (जिनका चुनाव नहीं होगा), उनके अतिरिक्त सभी का कार्यकाल 1 वर्ष का रखा गया है जिसको वक़्त परिस्थितियों को देखकर बढ़ाया या घटाया भी जा सकता है |  यह  संगठन  सेवा  भाव  से प्रेरित होकर बनाया गया है |           अमित वाजपेयी राष्ट्रीय अध्यक्ष


 




















































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