आ गया नव वर्ष हमारा,
मिलकर सब प्रणाम करो।
दुर्गा का दरबार सजा कर,
देवी का गुणगान करो।।
ब्रह्मा जी ने अति प्रसन्न हो,
सृष्टि को आज बनाया था।
श्री राम के राज्यभिषेक का,
शुभ दिन आज ही आया था।।
बसंत ऋतु का प्रारंभ भी,
प्रतिपदा से हो जाता है।
नक्ष्त्रो का शुभ माहुर्त भी,
आज से माना जाता है।।
झुलेलाल जी आज के दिन ही,
पावन करने धरती को आए थे।
शालिवान ने आज के दिन ही,
हूण परलोक पहुंचाएं थे।।
चन्द्रगुप्त ने विक्रम सम्वत दे,
नई तिथि आज चलाई थी।
मां दुर्गा ने बन रण चंडी,
दुष्ठो की बलि चढ़ाई थी।।
स्वागत करो नव वर्ष का,
नाचो गाओ जश्न मनाओ।
सभी अपने अपने घरो पर,
भगवा ध्वज आज लहराओ।।
आओ बंदरवार सजा हम,
खुशी के गीत मिल गाते है।
भारतीय सभ्यता का प्रतीक,
नव वर्ष आज मनाते है।।