- अल्हागंज। गर्मी का मौसम शुरू होते ही कस्बे क्षेत्र में मिलावटी आइसक्रीम की ब्रिकी शुरू हो गई है। इसमें ऐसे पदार्थ मिलाए जा रहे हैं जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। अगर सेवन कर रहे हैं तो निश्चित ही बीमार पड़़ सकते हैं। सब कुछ जानते हुए भी विभाग मौन तमाशा देख रहा है।
कस्बे में मिलावटी पदार्थों से बने आइसक्रीम की बिक्री तेज हो गई है। इसका सेवन कर क्षेत्र के लोग खासकर बच्चे बीमार हो रहे हैं। कस्बे की फैक्ट्री में जो आइसक्रीम बन रही है , वह खाने योग्य नहीं है। इसको मीठा करने के लिए चीनी के स्थान पर सैक्रीन (गोल्ड मोहर ब्रांड) व दूध की जगह पर सफेदा मिलाया जा रहा है। जबकि प्रयोगशाला में बिना जांच किए गंदा पानी भी मिलाया जाता है। आइसक्रीम फैक्ट्रियों के पानी की जांच लंबे अरसे से नहीं हुई है। दिलचस्प बात तो यह है कि सभी लोग खाद्य सुरक्षा विभाग का लाइसेंस लेकर संचालन कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि पानी आदि के जांच किए बिना उन्हें लाइसेंस कैसे मिल गया। जबकि खाद विभाग का लाइसेंस उत्तर प्रदेश खाद्य अपमिश्रण निवारण आने वाली धारा 1976 के अधीन है। उसमें यह उल्लेख किया गया है कि कोई भी लाइसेंस धारी किसी भी ऐसे व्यक्ति को सेवायोजित नहीं करेगा जो संक्रामक अथवा घृणित रोग से पीड़ित हो। उसमें यह भी बताया गया है कि लाइसेंस धारी सिर्फ शुद्ध पदार्थ बनाएगा उसकी बिक्री करेगा। लेकिन फैक्ट्री मालिक इसका इसका उल्लघंन कर रहे हैं। कस्बे में चार फैक्ट्री चारो मे मिलावट का खैल जारी है देखा जाए तो आइसक्रीम फैक्ट्री हो चाहे केक फैक्ट्री हर जगह मिलावटी और नुकसान दायक केमिकल इस्तेमाल हो रहा है।