है ब्रह्मांड की जो है रचयता,
जीवन के मेेरी जो है दाता।
इस सृष्टि का निर्माण किया,
जीवन मैं मेरे अस्तित्व दिया।
वह है जग की आदिशक्ति,
हम करते है तेरी भक्ति।
वह जग की है पालन कर्ता,
है आदि-स्वरूपा से नाता।
है देती जीवन में है मेरे निधि,
है भक्ति से जो मिलती सिद्धि।
है अष्टभुजाओं की माता,
है मेरे जीवन में है नाता।
हम करते है तेरी जपमाला,
जीवन में मेरे तू है बाला।
है माँ भवानी तेरी पूजा,
है अरदास यह दरबार सजा।
-भूमिका शर्मा
शिक्षिका और लेखिका
ग्वालियर (मध्यप्रदेश)