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प्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई है जिसको देख मैं मुस्कुराई हूँ


 प्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई है
जिसको देख मैं मुस्कुराई  हूँ
मायके की सौधी खुशबु से
आज मैं खूब ईतराई हूं।

प्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई है
माँ के खाने की खुशबु साथ लाई है 
मांँ का प्यार, माँ की ममता, माँ का दुलार
इस छोटे से चिट्टी में समाई है। 

प्रेम की पाती एक मेरी मायके से  आई है
बहन का दुलार, हसीं ठिठोली कीं बहार
 हम जोली,  हंस बोली मन की बात
 आज सारी बात जुबान पर आई है।

प्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई है 
बाबा का प्यार, दूर का दूलार
 मन की चिंता, ढेर सारा आशिर्वाद 
डर भगा मेरा प्यार से मुस्कुराई हूँ 

प्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई है 
राखी की चमक, रक्षा की भनक
 देख भाई का प्यार मन में मुस्कुराई हूंँ
 पाती नहिं संसार मिला है, पराये देश में अपनों का प्यार मिला है 

 स्वरचित, अप्रकाशित, मौलिक 
 मेघा अग्रवाल
नागपूर महाराष्ट्र


 

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