प्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई हैजिसको देख मैं मुस्कुराई हूँमायके की सौधी खुशबु सेआज मैं खूब ईतराई हूं।प्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई हैमाँ के खाने की खुशबु साथ लाई हैमांँ का प्यार, माँ की ममता, माँ का दुलारइस छोटे से चिट्टी में समाई है।प्रेम की पाती एक मेरी मायके से आई हैबहन का दुलार, हसीं ठिठोली कीं बहारहम जोली, हंस बोली मन की बातआज सारी बात जुबान पर आई है।प्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई हैबाबा का प्यार, दूर का दूलारमन की चिंता, ढेर सारा आशिर्वादडर भगा मेरा प्यार से मुस्कुराई हूँप्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई हैराखी की चमक, रक्षा की भनकदेख भाई का प्यार मन में मुस्कुराई हूंँपाती नहिं संसार मिला है, पराये देश में अपनों का प्यार मिला हैस्वरचित, अप्रकाशित, मौलिकमेघा अग्रवालनागपूर महाराष्ट्र
प्रेम की पाती एक मेरे मायके से आई है जिसको देख मैं मुस्कुराई हूँ
Monday, December 02, 2024
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