ज़िन्दगी का नहीं है कोई ठिकानाकभी मिलेगा ठोकर ही ठोकर ,कभी प्यार भरा नजराना।कहीं अवसर खो ना जाए,ध्यान अपना मत भटकाना।दुबारा मौका यहां मिलता नही,हर मौके को तुम भुनाना।कदम कदम बढ़ाते जाना,जिन्दगी का नही है कोई ठिकाना ।आए जब भी परेशानी,कभी नहीं तुम घबराना।छोटी- छोटी बातों पर,भावुक मत हो जाना।मिला है सुंदर एक जीवन,हंसी ख़ुशी इसे बिताना।अपनों से कहीं तुम रूठ ना जाना,जिन्दगी का नही है कोई ठिकाना।ज़िन्दगी है अनमोल खजाना ,इसे ना बेमोल लुटाना।धर्म कर्म को तुम अपनाना,पुण्य की गगरी भरते जाना।ऊपर वाला करता हिसाब,नहीं चलता किसी का बहाना।सोच समझकर पग उठाना,ज़िन्दगी का नहीं है कोई ठिकाना।तेरा मेरा करते करते,दुनिया में ना भरमाना।खाली हाथ आया है,खाली हाथ तुझे है जाना।दीन दुखियों की सेवा कर ले,तेरे नाम भी होगा अफसाना।एक पल भी ना व्यर्थ गंवाना,ज़िन्दगी का नहीं है कोई ठिकाना।।ममता साहू कांकेर छत्तीसगढ़