--चौक क्षेत्र में लगी दो महीनों से गलत हॉक मार्किंग की जा रही
शाहजहांपुर। अगर आप सोना खरीदने जा रहे है तो पूरी सावधानी से सोना, ऐसा न हो कही आप ठगी का शिकार हो जाये। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राहकों को सोने चांदी के जेवरों में नकली हॉल मार्किंग कर सोना बिक्री किया जा रहा है। सूत्र बताते है कि चौक क्षेत्र में दो स्टेम्पिंग (हॉल मार्किंग) मशीनें लगी हुई है। मशीन स्वामी पैसे लेकर सोने के जेवरों पर विश्वनीयता बाली 91.60 की मार्किंग कर देते है। जबकि जेवरों में सोने की शुद्धता 60 से लेकर 65 प्रतिशत तक ही होती है। अहम बात यह कि ग्राहकों से सोने की पूरी शुद्धता का रुपया ले लिया जाता है। जबकि 24 कैरेट सोने के जेवर बनाये ही नही जाते है। और जब ग्राहक कभी भी सोना वापस करने आता है तो उसे वापसी में 65 प्रतिशत का ही मूल्य दिया जाता है। अहम बात इसके साथ ही एक दो मिलीग्राम गंदगी के नाम पर भी ग्राहक का सोना काट लिया जाता है।
!!ब्रांडेड सोने चांदी के शोरूम पर शुद्धता की मिलती गारंटी!!
अगर आप तनिष्क, रिलायंस, 24 कैरेट आदि शोरूम से सोना खरीदने जाते है तो आपको यहां सोने की शुद्धता में गारंटी दी जाती है। इसके साथ ही इन शोरूम पर आपके सोने की शुद्धता जांचने की कोई कीमत नही ली जाती है। आप अपने जेवरों का (टँच) की जांच कराना चाहते है तो यहां मुफ्त में जांच हो जाती है।
!!22 कैरेट गोल्ड में कितनी शुद्धता!!
22 कैरेट गोल्ड का अधिकतर इस्तेमाल ज्वैलरी बनाने में होता है। 22 कैरेट सोने में धातु के 22 भाग सोना होता है और बाकी दो में दूसरी धातुएं जैसे सिल्वर, जिंक, निकल और दूसरी मिश्रित धातुएं होती हैं। इसे 91.67 फीसदी शुद्ध सोने के तौर पर भी जाना जाता है। मिश्रित धातुओं के होने से यह कठोर बन जाता है और इसलिए इसे ज्वैलरी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
!!18 कैरेट गोल्ड में कितनी शुद्धता!!
18 कैरेट के सोने में 75 फीसदी सोना और 25 फीसदी दूसरी धातुओं जैसे तांबा, चांदी मिली होती हैं। इस तरह के सोने को स्टोन स्टडेड ज्वैलरी बनाने और दूसरी डायमंड ज्वैलरी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। यह 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने के मुकाबले कम महंगा होता है। इसका रंग हल्का पीला होता है। यह 22 या 24 कैरेट के मुकाबले ज्यादा मजबूत होता है। इसलिए लाइटवेट और ट्रेंडी ज्वैलरी बनाने और सादे डिजाइन तैयार करने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।