बीआईएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है
--कई ज्वेलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगा रहे हैं
--असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है
- शाहजहांपुर। कई सुनार केडीएम को भी शुद्ध बताकर बेचते हैं। लेकिन इसमें कैडमियम नामक तत्व होता है, जोकि फेफड़ों के लिए हानिकारक होता है। साथ ही, इसमें तांबे की मिलावट भी होती है। इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए आभूषण या सोने की किसी भी वस्तु पर अंक जरूर देखें। यहां पर सबसे अहम बात यह है कि अखबारों में प्रतिदिन छपने वाले या टीवी पर दिखाए जाने वाले सोने के दाम 24 कैरट गोल्ड के होते हैं। इसलिए अगर आप 23, 22 या कम कैरट का सोना खरीद रहे हैं, तो दाम कम होंगे।
!!प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें!!
गोल्ड खरीदते वक्त आप ऑथेंटिसिटी/प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें। सर्टिफिकेट में गोल्ड की कैरट क्वॉलिटी भी जरूर चेक कर लें। साथ ही गोल्ड ज्वेलरी में लगे जेम स्टोन के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट जरूर लें।
!!विश्वसनीय दुकानों से खरीदें!!
अगर आपको मालूम नहीं है कि कॉमन बुलियन सिक्के कैसे दिखते हैं, तो इस बात की पूरी आशंका रहेगी कि आप बहुत ज्यादा खर्च करके भी नकली सिक्का खरीद लेंगे। सिक्के हमेशा विश्वसनीय दुकानों से और ज्वेलरी हमेशा हॉलमार्क निशान वाली ही खरीदें। छोटे ज्वेलर्स के पास हॉलमार्क ज्वेलरी नहीं होती। ऐसे में वहां धोखा होने का डर ज्यादा होगा।
!!ऐसे पहचानें असली हॉलमार्क!!
हॉलमार्किंग में किसी उत्पाद को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। भारत में बीआईएस वह संस्था है, जो उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराए जा रहे गुणवत्ता स्तर की जांच करती है। अगर सोना-चांदी हॉलमार्क है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है। लेकिन, कई ज्वेलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगा रहे हैं। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं? असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वेलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है।
जागरूक बनिये जनहित में जारी