- शाहजहांपुर। अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट तृतीय शिवकुमार की अदालत ने सोमवार को एक नाबालिग अनुसूचित जाति की बालिका के अपहरण के सात वर्ष पुराने मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर कुल 37,000 रुपये का आर्थिक दण्ड भी लगाया गया है। मामला थाना परौर क्षेत्र के एक गांव का है।
अभियोजन के अनुसार, वादिनी महिला ने 23 जनवरी 2016 को थाने में तहरीर दी थी कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री को ग्राम चौरा बगर खेत, थाना कलान निवासी अमित उर्फ अमीरे बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया। घटना के समय गांव के ही एक व्यक्ति ने आरोपी को नाबालिग को मैजिक वाहन में ले जाते हुए अपनी आंखों से देखा था। मामले की सूचना परौर पुलिस ने दर्ज कर विवेचना शुरू की और सबूत एकत्र कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान दुर्भाग्यवश पीड़िता की मृत्यु हो गई, परंतु शेष गवाहों व सबूतों के आधार पर मामला आगे बढ़ाया गया। सरकारी अधिवक्ता दीप कुमार गुप्ता ने न्यायालय के समक्ष प्रभावी तर्क प्रस्तुत किए। अदालत ने वादिनी और अन्य चश्मदीदों के बयानों को संज्ञान में लेते हुए आरोपी अमित उर्फ अमीरे को दोषी पाया और एससी/एसटी अधिनियम समेत पॉक्सो व अन्य धाराओं के अंतर्गत आजीवन कारावास और 37,000 रुपये के जुर्माने से दण्डित किया।