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नाबालिग के अपहरण व दुराचार के मामले में दोषी को 20 साल की सजा, 24 हजार का जुर्माना


 --पॉक्सो कोर्ट ने सुनाया फैसला, न्यायालय ने कहा– अपराध क्षम्य नहीं

  • शाहजहांपुर। अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट-III) शिवकुमार तृतीय ने नाबालिग लड़की के अपहरण और उसके साथ दुराचार करने के मामले में दोषी अमित गुप्ता को 20 वर्ष के सश्रम कारावास और 24,000 के जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने फैसले में स्पष्ट कहा कि ऐसे मामलों में कठोर दंड आवश्यक है, ताकि समाज में अनुशासन और सुरक्षा की भावना बनी रहे। प्रकरण वर्ष 2022 का है। अभियोजन पक्ष के अनुसार कलान थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने थाना कलान में तहरीर दी थी कि घटना के दिन उनकी नाबालिग पुत्री दोपहर 1 बजे घर से दवा लेने निकली थी, लेकिन देर शाम तक घर नहीं लौटी।

परिवारजनों ने उसकी खोजबीन की तो पता चला कि गांव निवासी अमित गुप्ता बहला-फुसलाकर उसे भगा ले गया। पीड़िता के पिता ने तहरीर में यह भी बताया कि लड़की के साथ सोने की दो अंगूठियां, एक सोने की चेन और 1000 नकद भी गायब हैं। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोपित के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामले की सुनवाई के दौरान वादी सहित अन्य गवाहों के बयानों, साक्ष्यों और शासकीय अधिवक्ता दीप कुमार गुप्ता के तर्कों से संतुष्ट होकर न्यायालय ने आरोपी अमित गुप्ता को दोषी पाया। न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण), 376 (दुराचार) और लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) की धारा 3/4 के अंतर्गत दोष सिद्ध करते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 24,000 के अर्थदंड से दंडित किया। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा कि अर्थदंड की राशि पीड़िता को मुआवजे के रूप में प्रदान की जाए। न्यायिक फैसले के बाद पीड़िता के परिजनों ने राहत की सांस ली और इसे न्याय की जीत बताया।

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