- अल्हागंज। कस्बे में बिना मान्यता के चल रहे स्कूल संचालकों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जिम्मेदार अधिकारी के साथ पुलिस बल टीम ने नगर के विद्यालयों मे छापेमारी की छापेमारी मे एक स्कूल सीज कर दिया गया बाकी को अभय दान दे दिया गया वही सीज हुए स्कूल के बच्चो के एडमिशन की फीस और तीन माह की फीस का भी आफर मिल गया जिसका प्रचार भी जोर शोर से शुरू हो गया।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार हर विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर तमाम बैठक कर रही हैं जिसमें इन भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सके हाल में ही प्रदेश के कई जिलों में बिना मान्यता के संचालित स्कूल को ऑन स्पॉट सील कर दिया गया है.
इसी क्रम मे कस्बे मे शुक्रवार को एसडीएम प्रभात राय खंड शिक्षाधिकारी शाहीन अंसारी ने थानाध्यक्ष ओमप्रकाश व पुलिस दल के साथ बगैर मान्यता के विद्यालयों में छापेमारी की छापेमारी के दौरान वह क्वीन मेरी मांटेसरी पहुचे जहां संतुष्टि न मिलने पर स्कूल के एक कमरे को सीज कर दिया यह खबर हवा की तरह फैलने पर बाकी विद्यालयों ने छुट्टी कर दी जिसके बाद कुछ विद्यालय अपना प्रचार प्रसार तय कर दिया और विशेष छूट पर एडमिशन करने की बात होने लगी। वही विद्यालय संचालक के मुताबिक दिल्ली की मान्यता को नजर अंदाज करके यूपी वोर्ड की मान्यता ही स्वीकृति की बात हुई है। इसलिए मान्यता को अमान्य घौषित होने पर विद्यालय को सीज किया है। अधिकारियों द्वारा अन्य विद्यालय भी चेक किये गये है लेकिन अभी भी उन विद्यालयों को छोड दिया गया है जिन विद्यालयों के संचालक प्रति वर्ष नाम बदल देते है या नोटिस जारी होने के बाद भी विद्यालयों का संचालनहोता रहता है। कस्बे मे क ई ऐसे विद्यालय है जो दूसरों की मान्यता पर संचालित होते रहते है अधिक तर विद्यालय दूसरे की मान्यता पर किराये की बिल्डिंग मे संचलित हो रहे है। वही कस्वे व आस पडोस क्षेत्र मे ऐसे विद्यालय का संचालन किया जा रहा है जिनकी मान्यता तो कक्षा 8 या 5 की है और हाईस्कूल व इण्टर तक क्लास लग रही है वही कुछ मान्यता प्राप्त विद्यालय भी अभिभावको के साथ खेल खेल रहे है। फर्जी विद्यालयों मे पढने बाले बच्चो का यूडाइस प्लस पोर्टल पर पैन इन्ही मान्यता प्राप्त विद्यालयों मे नाम दर्ज होते है आवश्यकता पढने पर इन्ही विद्यालयो से टीसी दी जाती है ऐसे मान्यता प्राप्त विद्यालयों का यही बस बिजनेस बचा है लेकिन देखा जाए तो यह अभिभावकों के साथ धोखा है। ऐसे विद्यालयों को अभय दान दिया गया। आज की इस कार्यवाही से बगैर मान्यता के विद्यालय संचालन करने वाले स्कूल संचालक में व्यापक स्तर से हड़कंप मच चुका है आपस में कहा सुनी हो रही है.
छात्रों को सरकारी स्कूल में भेजने का निर्देश
इस सख्त नियम को लेकर कई बार नोटिस के बाद भी यह स्कूल संचालन किया जा रहा है जिसमें जांच पड़ताल के बाद यह पता चला की विद्यालय संचालक स्कूल की मान्यता संबंधित कोई प्रपत्र नहीं दिखा पाए हैं जिसको लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है इसको गंभीरता से लेते हुए एसडीएम महोदय ने विद्यालय को सील कर बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में दाखिल लेने की बात और दिशा निर्देश दिया है। या छूट पाने बाले अभिभावक एक निजी मान्यता के विद्यालय का नाम प्रकाश मे आया है जबकि कस्बे मे अन्य क ई मान्यता के विद्यालय चल रहे है।