अक्षय तृतीया का शुभ दिन, शुरू होते सब काज।
वैशाख मास की शुक्ल पक्ष, तिथि तृतीय आज।
ब्रह्मपुत्र अक्षय का जन्म, हुआ तिथि थी आज।
परशुराम के शुभावतरण से, धरा बना बिना राजा।
मां गंगा धरती पर आई, अन्नपूर्णा का अवतरण।
खजाना मिला कुबेर को, हुआ सोने का भरण।
पांडवों को अक्षत पात्र मिला, मिले श्री कृष्ण।
ऋषभदेव के उपवास का, गन्ने के रस से पारण।
आदि गुरु शंकराचार्य ने,कनकधरा स्त्रोत की रचना की।
वृंदावन में भगवान श्री कृष्णा के, चरणों के दर्शन की तिथि।
द्वापर युग भी प्रारंभ हुआ इसी तिथि ।
महाभारत युद्ध समाप्ति की घोषणा की तिथि।
वेदव्यास गणेश जी संग रचे महाभारत महाकाव्य।
बद्रीनाथ कपाट खुले मिलता दर्शन का भाग्य।
प्रभु जगन्नाथ के रथों का प्रारंभ का सौभाग्य।
यह शुभ दिवस अक्षय तृतीया खुलता आज सभी का भाग्य।
लता सेन इंदौर मध्य प्रदेश