कैसा है मेरा शहर ,
फूलों जैसा मेरा शहर ,
मेरे शहर की बात है
विशेष, वस्त्र आभूषण
रहन - सहन तो
राजस्थानी रंग में रंगा परिधान।
मेरा शहर राव जोधा ने
बसाया।
यहां खान -पान में
केर का आचार सांगरी
का आचार मावे की मीठी
कचौरी, मिर्ची बड़ा,पापड़
भुजिया मशहूर है।
यहां इतिहास की बुनियाद
रखे तो ऐतिहासिक इमारत
मेहरानगढ़ किला और छीतर
पैलेस , मंडोर उद्यान सुंदर
इमारतें है।
हमारी संस्कृति कला बहुत
प्रसिद्द है खेल ,नृत्य कुश्ती
आदि महत्वपूर्ण है।
यहां की भाषा मारवाड़ी
राजस्थानी खड़ी बोली है।
यहां का व्यवसाय बांधनी
ओढ़नी बंधेज है।
मेरा शहर सुनहरी लहर
से भरा है।
सूर्यनगरी जोधपुर कहलाता है ।
अमन शांति का संदेश
देता है ।
मौलिक अप्रकाशित स्वरचित
डॉ संजीदा खानम शाहीन