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मां काली देवी का मेला शुरू भक्तोँ ने चढाई फरिया उढ़नियां मांगी मनोतियां


      -मेला कमेटी को दरकिनार कर जारी हुए पास मेला प्रबंधक हुए नाराज--

  • अल्हागंज- 3 अप्रैल 2023(अमित वाजपेयी).ऐतिहासिक महत्ता के लिए सुविख्यात अल्हागंज क्षेत्र के गांव चिलौआ स्थित मां काली देवी मंदिर पर तीन दिवसीय मेला सोमवार से शुरू हो गया है। भक्तों ने मंदिर पहुंच कर माता को फरिया उढ़नियां चढाकर मनोतिया मांगी गांव के भक्तों ने मिलकर भण्डारे का आयोजन किया भक्तों ने जमकर प्रसाद गृहण किया। वही इस बार मेला राजनीति मे भी बदलता नजर आया जिसे लेकर मेला कमेटी के प्रबंधक ने नाराजगी भी जताई है। 

कटरा फर्रुखाबाद स्टेट हाईवे से करीब एक किलोमीटर पूरब दिशा में बसा यह गांव इस प्राचीन मंदिर के कारण दूर-दूर तक विख्यात है। हर वर्ष चैत्र मास शुक्ल पक्ष के तेरस पर्व से इस मेले की होने वाली शुरुआत आज सोमवार से प्रारंभ हो गयी जो 6 अप्रैल तक चलेगी। मंदिर के साथ ही हर साल यहां लगने वाला मेला भी हजारों साल पुराना बताया जाता है। शनिवार से ही यहां दुकानदार आने लगे थे आज मेला शुरू होते ही भक्तों ने माता के दर्शन कर फरिया उढ़नियां चढाई और अपनी अपनी मनोतिया मांगी। आस पास के गांवों से भक्त ट्रेक्टर ट्राली बैलगाड़ी आदि से भी दर्शन करने आऐ गांव के भक्त गणों ने पांडाल लगाकर प्रसाद के रूप मे हलुआ वितरण कर भक्तों को आनंदित किया यह प्रसाद मेले के समापन तक वितरण होता रहेगा जिसकी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। दुकानदारों को कोई असुविधा न हो जिसके लिए मेला कमेटी प्रबंधक प्रवेश कुमार मिश्रा टीम के साथ लगातार मेला मे व्यवस्था की देखरेख कर रहे है। 

मेला कमेटी को दरकिनार कर जारी हुए पास मेला प्रबंधक हुए नाराज

मेला प्रबंधक प्रवेश कुमार मिश्रा ने बताया कि वह पिछले लगभग 22 वर्षो से मेला कमेटी के प्रबंधक है और मेला की जिम्मेदारी उठा रहे है यहा सभी गांव के भक्त हमेशा मिलकर सभी का सहयोग करते है जिससे मेला आने बाले दुकानदार या भक्तों को परेशानिया न हो लेकिन इस बार मेला को राजनीतिक मोड मे देते हुए बगैर उनकी परमीशन के पास जारी कर दिये गये है जिसमे मेला प्रबंधक को दरकिनार कर दिया गया। यहां कभी भी कोई घटना नही घटित हुई मां का आशीर्वाद हमेशा भक्तों पर बना रहा इस बार एक नयी रीति बनाकर पास जारी किये गये है जिसका वह पूर्णता विरोध करते है। 

मेला प्रबंधक प्रवेश कुमार मिश्रा

‘मेला निकल जइये, फिर फरिया उढ़नियां को का हुइयै।’

जो कहावत पुरानी चली आ रही थी वह आज भी है जिसे भक्त मानकर आज मेले मे अपनी अपनी मनोतिया मांगी भक्तो ने बताया  वर्षों पुरानी यह कहावत आज भी चलन में है। इस कहावत की शुरुआत चिलौआ में स्थित देवी मां के मंदिर से ही हुई थी प्राचीन समय में इस क्षेत्र में रुहेला सरदारों के शासन के दौरान घटित हुए एक वाकये से ही इस कहावत का जन्म हुआ। मुराद पूरी होने पर भक्तों की ओर से देवी मइया को फरिया उढ़निया चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। जो भी सच्चे मन से अपनी मनोती मांगता है मां उसकी मुराद अवश्य पूर्ण करती है मेले में इसकी कई दुकानें लगी जिनपर भक्तो ने प्रसाद के साथ साथ मां के लिए फरिया उढ़नियां खरीद कर चढाई।






 

 

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