---क्षेत्र में खुली पैथोलॉजी और एक्स-रे मशीन को चला रहे हैं अप्रशिक्षित लोग--
- अल्लाहगंज। बारिश के चलते संक्रामक बीमारियाें ने भी अपने पैर पसारना शुरू कर दिया हैं, इसके चलते क्षेत्र में फर्जी डॉक्टर भी नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अपना जाल फैलाने लगे हैं। अधिकतर मरीज फर्जी डॉक्टरों के इलाज कराने में ही संतुष्टि समझते हैं।
दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा की कमी और बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण लोग बिना डिग्री डिप्लोमा के क्लीनिक संचालित कर रहे फर्जी डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं। फर्जी डॉक्टरों ने भी हर गली-मोहल्ले में अपने क्लीनिक खोल लिए हैं। जहां वह कम पैसों में मरीज का उपचार कर उनके जीवन से खिलवाड़ करने में लगे हैं। लेकिन लंबे समय से संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न किए जाने से इनकी संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है।
गौरतलब है कि कस्बे के हर गली मोहल्ले में, साहबगंज, हुल्हापुर, कोयला, चौरसिया, समापुर मोड, गंज मार्ग, बस स्टेशन, रामनगर, इमलिया, कस्बे के छोटे बड़े चौराहे, बायपास मार्ग, कालिका प्रसाद वाली गली, बांध मार्ग, के आसपास झोलाछाप डॉक्टर्स अपने क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। वहीं संबंधित विभाग के अधिकारी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे इनके हौंसले बुलंद हो रहे हैं। स्थिति यह है कि इनके पास कोई डिग्री है न कोई इलाज करने का लाइसेंस है फिर भी यह लोगों का इलाज कर रहे है। यह सब स्वास्थ विभाग की अनदेखी एवं निष्क्रियता को सामने लाता है। जब फर्जी डॉक्टर्स के इलाज से मरीज के साथ कोई घटना घटित होती है। तब शासन- प्रसाशन और स्वास्थ विभाग जागता है और उसके बाद एक या दो फर्जी डॉक्टरों के क्लीनिकों पर छापा डालकर अपनी जिम्मेदारी पूर्ण कर ली जाती है। कस्बे के कई फर्जी डॉक्टरों को नोटिस दिए जा चुके हैं इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
हर बीमारी का शर्तिया इलाज
गांव सहित नगर में संचालित फर्जी डॉक्टरों की दुकानों पर इन दिनों बिना किसी जांच के गांवों से आने वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है। गली मोहल्लों में संचालित क्लीनिकों पर झोलाछाप डॉक्टर नब्ज देखकर ही दवाइयां देना शुरू कर देते हैं, जिससे मरीजों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। वहीं मेडिकल साइंस और दवाओं के बारे में कोई जानकारी न होने के बावजूद झोलाछाप हर मर्ज का शर्तिया इलाज करने का दावा करते नहीं थकते।
कई ने मेडिकल स्टोर भी खोले
फर्जी डॉक्टरों में से कुछ फर्जी डॉक्टरों ने खुद के मेडिकल स्टोर भी खोल रखे हैं, जहां फ्री में मिलने वाली सरकारी दवाओं का विक्रय कर मरीजों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। नगर में कुछ अवैध पैथोलॉजी लैब भी संचालित हैं, जिनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा लंबे समय से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जब कार्रवाई होती है तब कुछ दिन काराेबार बंद कर देते हैं फिर कुछ दिनों बाद इनकी दुकान फिर से खुल जाती है।
क्षेत्र में खुली पैथोलॉजी और एक्स-रे मशीन को चला रहे हैं अप्रशिक्षित लोग
कस्बे में दर्जनों पैथोलॉजी, लैब और एक्स-रे मशीन बगैर पंजीकरण अप्रशिक्षित लोग चला रहे हैं। कमीशनखोरी के चक्कर में मरीजों की जान से खिलवाड़ की जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कार्रवाई नहीं हो रही है। दो दर्जन पैथोलॉजी लैब का संचालन किया जा रहा है। यहां लगभग चार एक्स-रे मशीन सेंटर भी संचालित हैं। एक दो सेंटरों के डॉक्टरों के नाम छपे हुए हैं, लेकिन इनका संचालन हाईस्कूल पास अप्रशिक्षित लोग कर रहे हैं, जो फर्जी हस्ताक्षर भी कर देते हैं। डॉक्टर भी वही रिपोर्ट मान लेते हैं।
इसके पीछे लैब संचालकों और झोलाछापों के बीच कमीशन खोरी का बड़ा खेल चल रहा है। सूत्रों की मानें तो एक जांच रिपोर्ट के बदले लैब संचालक द्वारा मरीज से वसूली गई रकम में से 50 फीसदी झोलाछाप दे देते हैं। इससे पहले यह मामले सामने आ चुके हैं,रजिस्टर लैंव पर कुछ दिन कार्य करने के बाद इन लोगो ने स्वयं की लैवो का संचालन कर लिया। सभी डाक्टरो की अपनी अपनी लैंवो से संपर्क है। वही स्थिति है एक्सरे मशीन की कुछ तो खुलेआम खोल कर बेठे है कुछ क्लीनिको ने कमरों मे डुका कर रखी है।