करो योग,रहे निरोग,
-------------^------------
करो योग,रहो निरोग,
सच्चाई समाहित भाई,
देर आऐ,दुरूस्त आऐ ,
समझ में तुम्हारी आई।।
भौतिकतावाद ने फेर
ला दी दिनचर्या,मुरार,
लेट सोना,लेट जागने
में बहुत खोया,मानव।।
समझ में जब आया है
सूर्योदय पूर्व उठो,मनु
योग भारतीय है खोज
पतंजली ने दिया ज्ञान।।
आज विदेशी भी मान
रहे,योग का महत्व,धन
भोरमें परिवेश रहे शुद्ध
योग,प्राणायाम,से होता।।
बुद्धि का विकास मनु,
नैतिक संरचना में तन
मन,विवेक का सुचारू
उन्नति,सर्वोच्च व्यक्तित्व।।
का निर्माण संभव है,
योग,अनुशासन से हो
रहा सर्वागीण प्रगति,
दिर्घायू होता मानव जाति।।
-----------------------------------------
प्रेषिका
श्रीमती अरुणा अग्रवाल
लोरमी, जिला मुंगेली, छ, ग,