--साफ-सफाई दुरुस्त करने के दिए निर्देश, मरीजों को न हो कोई परेशानी : सीएमओ
- अल्हागंज। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी.के. मिश्रा ने अल्लाहगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएमओ को अस्पताल परिसर में सफाई व्यवस्था लचर मिली, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए अधीक्षक को तत्काल सफाई व्यवस्था सुधारने के सख्त निर्देश दिए।
निरीक्षण के समय डॉक्टर सौभाग्य कटियार एवं डॉक्टर अनम खान अपने कक्ष में उपस्थित मिले। वहीं, लेबर रूम की जांच के दौरान स्टाफ सुमन सिंह मौजूद रहीं। सीएमओ ने रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखने के निर्देश दिए, साथ ही प्रसव के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान कराने की सलाह दिए जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने ओपीडी को मुख्य गेट के पास स्थित कक्ष में संचालित करने के निर्देश दिए, जिससे मरीजों को सुविधाजनक सेवाएं मिल सकें। साथ ही, विभिन्न चिकित्सकों के लिए अलग-अलग कक्ष निर्धारित कर बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।फार्मासिस्ट देवेश मिश्रा से दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली गई। सीएमओ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी आवश्यक दवा की कमी न हो। यदि कोई दवा समाप्त हो रही हो, तो उसकी तत्काल मांग (इंडेंट) भेजकर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सभी स्टाफ को निर्धारित ड्रेस कोड में रहने और नाम की नेमप्लेट लगाकर ही मरीजों को देखने की सख्त हिदायत दी गई। इस अवसर पर जलालाबाद सीएचसी प्रभारी डॉ. सोमेश अग्निहोत्री समेत अन्य स्टाफ सदस्य भी मौजूद रहे।
रात्री निरीक्षण मे जेडी को नही मिला था कोई स्टाफ
आपको बता दे कुछ समय पूर्व बरेली के जेडी तेजपाल राठौर ने रात्री के दौरान आक्समिक निरीक्षण किया था जहा मौके पर केबल वार्ड ब्याय ही मिले थे सभी डाक्टर व फार्मासिस्ट गायब थे जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए सीएम ओ को जांच करने के निर्देश दिये थे।
सीएमओ को कुछ चीजों से भटकाया
सामुदायिक केंद्र पर एक वर्ष पूर्व एक्सरे मशीन को चालू कर दिया गया था जिसके लिए एक सहायक को भी नियुक्त किया गया था लेकिन दस दिन मशीन चलने के बाद मशीन खराब हो गयी इसके बावजूद साहयक की ड्यूटी आज भी रजिस्टर मे चल रही है प्रतिदिन हाजिरी भी लगायी जाती है पर आज तक किसी ने भी सहायक को नही देखा सहायक की ड्यूटी किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चढाई जाती है। वही इस समय गर्मी के कारण मरीज ऐसे भी पहुच रहे है जिनके प्रतिदिन ग्लूकोस चढाया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्लूकोस की तो सुविधा उपलब्ध है तथा उसमे पढने बाले इजेक्शन मैथालकोलामीन भी अस्पताल मे मौजूद है जिसकी कीमत मात्र दस रूपये होती है लेकिन वह मरीज से बाहरी मेडिकल से मगायी जाती है। जिससे सीधे एक इजेक्शन पर लगभग 90 रूपये की कमीशन होती है। वही इमरजेंसी मे रैवीज बैक्सीन भी पहले से ही मेडिकल पर रख दी जाती है इमरजेंसी मे मरीज से ही मगाकर लगा दी जाती है और रजिस्टर पर चढा दी जाती है हर और कमीशन का खेल है।