कबीर जयंती महोत्सव
सहर्ष मनाएं देशवासी,
ऐसे संत का जनम री
होता है यदाकदा मनु।।
जात-पात,रूढ़िवाद के
खिलाफ लगा आबाज
ईश्वर से विश्वास,बुलंद
जनता-जनार्दन सेवा।।
में रखते थे ध्यान माही
अंधविश्वासके विरोधी
थे,सादगीपूर्ण जीवन
सादा भोजन से दिव्य।।
राम नाम के भक्तवर
दोहो से बन भास्कर
समय का भी ध्यान,
पलपल किमती मान।।
मिट्टी का बना है शरीर
क्यूं करे गुमान भान री
मनुष्य जीवन अनमोल
सदुपयोग कर,वाणी अमोल।।
प्रेषिका
श्रीमती अरुणा अग्रवाल
लोरमी, जिला मुंगेली, छ, ग,