नवरात्रि के नव दिन,
गूंजे मैय्या की जयकार।
खुशियों से झोली भर देती,
मां की महिमा अपार।
नव दिन पूजा अर्चना कर,
भक्त करते उपवास।
हलवा पूरी और चना का,
भोग लगाते खास।
पूजन की थाली लेकर,
भक्त आते द्वार।
मनोकामना हर पूर्ण होती,
माता के दरबार।
लाली चुनरी लाली बिंदिया ,
सुंदर मां के नैन,
नव दुर्गा नवरूप देख,
भक्तों को मिलता चैन।
जो चाहे मांग लेते,
मैय्या दयालु दातार।
खुशियों से झोली भर देती,
मां की महिमा अपार।।
ममता साहू कांकेर छत्तीसगढ़