- अल्हागंज। कस्बे में सैकड़ो से अधिक स्थानों पर आबादी क्षेत्र में मूगफली कारखानों के उद्योग चल रहे हैं। उद्योग के कारण नगर में प्रदूषण हमेशा फैलता रहता है, प्रदूषण से लोग परेशान हैं, लेकिन नगर पंचायत ने उद्योग संचालकों के खिलाफ कभी भी कोई कार्रवाई नहीं की। नगर के आबादी क्षेत्र में उद्योग संचालित हो रहे हैं। नगर पंचायत जान कर भी अनदेखा कर रहा है।
नगर पंचायत के नागरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत उद्योग, कारखाने, कॉचिंग सेंटर आबादी क्षेत्र में नहीं होना चाहिए। उद्योग कारखाने आबादी क्षेत्र में होने के कारण आगजनी, सड़क हादसे और पर्यावरण प्रदूषित होने का खतरा रहा है। यदि कोई उद्योग बिना अनुमति के आबादी क्षेत्र में संचालित होता है तो नगर पंचायत उद्योग सील कर संचाल बंद करा सकता है।
कारखाने फैला रहे प्रदूषण, बढ़ रही सांस की बीमा
आबादी मे लगे निजी कारखाने प्रदूषण फैला रहे कस्बे का वातावरण प्रदूषित होता जा रहा है। ऐसे में आस पास के क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के अलावा यहां के ग्रामीण भी विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हर वर्ष होते हैं। प्रदूषण फैलाने वाले ऐसे उद्योगों पर शिकंजा कसने में जिम्मेवार अधिकारी भी अक्षम साबित होते हैं। इन उद्योगों से निकलने वाले धुआं व गंदगी से ज्यादा प्रभावित उसके आस पास के लोग होते हैं। प्रदूषण से सबसे ज्यादा सांस की बीमारी होती है। इसके अलावा टीबी होने की आशंका रहती है। यही वजह है कि पहले कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को कारखाना की तरफ से ही गुड़ और चना दिया जाता था। ताकि उसके खाने से शरीर के अंदर पहुंचने वाली गंदगी कफ के माध्यम से बाहर निकल सके। अब मजदूरों को यह सुविधा नहीं मिलती है। ऐसे में मजदूरों में टीबी, दमा और अन्य सांस की बीमारियां हो रही हैं।
कारखाने वाले उड़ाते हैं नियमों की धज्जियां, अधिकारी नहीं देते ध्यान
कस्बे मे लगे आबादी क्षेत्र मे मूगफली कारखाने उद्योग लगाए गए हैं। समय समय पर उनकी जांच संबंधित विभाग के अधिकारियों को करनी है। उसके तहत समय समय पर कारखाना निरीक्षक द्वारा मजदूरों के सुरक्षा की जांच, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा समय समय पर प्रदूषण की जांच तथा श्रमाधीक्षक द्वारा बाल श्रम मजदूरी के तहत 14 वर्ष से नीचे काम करने वाले मजदूरों की जांच कर दोषी पाए जाने पर उस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है। पर यहां तो खुले आम प्रदूषण फैलता है पर जिम्मेवार अधिकारी मौन धारण किए रहते है।