--आइसक्रीम फैक्ट्री से लेकर तमाम बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहे कारोबार--
- अल्हागंज। जल संरक्षण के लिए सरकार योजनाएं बना रही है, लेकिन कस्बे मे 20 से अधिक वाहन धुलाई सेंटर के साथ तमाम कारोबार बेरोकटोक चल रहे हैं। यहां मोटर लगाकर भूजल का अंधाधुंध दोहन किया जा रहा है। हर रोज लाखों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। हैरानी की बात यह है कि नगर पंचायत सबकुछ जानते हुए भी इन पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। न ही उसके पास कोई भी लिखा पढी है कस्बे में तमाम फैक्ट्री जहा लाखों लीटर की पानी की वरबादी है।
उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल प्रबंधन और विनियमन अधिनियम के तहत भूजल निकालने के लिए पंजीकरण और अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी है जबकि यह नियम सभी औद्योगिक वाणिज्यिक और सामूहिक उपयोगकर्ताओं पर लागू होता है भूगर्भ कूप और बोरिंग निर्माण संस्थाओं को भी पंजीकरण करना होता है।
कस्बे व क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वाहन धुलाई सेंटर, दराना, होटल रेस्टोरेंट, वाटर, भट्टा, मैरिज लान गेस्ट हाउस, मील आदि संचालित हैं। वाहन धुलाई सेंटर दो तरह के हैं। एक जहां चार पहिया की धुलाई होती है और दूसरे दो पहिया वाहनों के। सबसे अधिक संख्या में दो पहिया वाहनों के धुलाई सेंटर हैं। जहां इन जगाहो पर खुलेआम पानी की बर्बादी यहां देखी जा सकती है। धुलाई में प्रयुक्त पानी नालियों में बहा दिया जाता है। उस पानी को दोबारा उपयोग लायक बनाने की व्यवस्था तक नहीं है।
न जल संरक्षण की चिंता न आय की
नगर पंचायत क्षेत्र में यह कारोबार फलफूल रहा है, लेकिन पंचायत के पास इनसे संबंधित कोई रिकार्ड तक नहीं है। जलकल अनुभाग में इनका पंजीयन की व्यवस्था तक नहीं है। यहा तक विभाग द्वारा लापरवाही के कारण आज तक इन जगाहों पर कोई लाइसेंस भी नही है जिससे लाखों रूफये का नुकसान हर माह विभाग को होता है।