गंगा दशहरा है पावन
भागीरथ ने लाया धन
गंगा-मां को धरती पर
भागिरथी नाम मनोहर।।
भारतवासी मनाते हर्ष,
गंगाजल है पवित्र अति
पूजा-पाठ में उपयोगी
सदियों से परंपरा,भाती।।
गंगा है हमारी माता री
लाल,बाल के उपकारी
गंगाजल न होता नष्ट
सालों तक रहे सलामत।।
भारतीय मनाएं परव,
प्राय सर्व संप्रदाय हेतु
है कल्याणी,दिव्य धुरी
स्नान करो गंगाजल,मुरार।।
पाप,ताप हरे गंगा माईं
हम सब उसके ललना
लली,स्वागतेय हमारी
हर हर गंगे सब पुकारें।।
प्रेषिका
श्रीमती अरुणा अग्रवाल
लोरमी, जिला मुंगेली, छ, ग,