- उत्तर प्रदेश को देश का पहला गरीबी मुक्त प्रदेश बनाने की मुहिम के अंतर्गत भिक्षावृत्ति करने वालों के पुनर्वास के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। लखनऊ में चलाए गए इस अभियान में पता चला कि ज्यादातर बच्चे हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव से आए प्रवासी मजदूर परिवारों के हैं। इन परिवारों में पुरुष मजदूरी करते हैं। महिलाएं और बच्चे भीख मांगते हैं।
लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी ने सभी सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को चिन्हित परिवारों की सूची सौंपते हुए पत्र लिखा है। उन्होंने ऐसे परिवारों को उनके मूल जिलों में पुनर्वासित करने के निर्देश दिए हैं। इन परिवारों को उत्तर प्रदेश की जीरो पावर्टी योजना से जोड़ा जाएगा। इस योजना के तहत उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएं मिलेंगी।इस अभियान में नगर निगम, पुलिस, श्रम विभाग और चाइल्ड लाइन की टीमें काम कर रही हैं। बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा। वयस्कों को स्वरोजगार योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इससे परिवार भिक्षावृत्ति छोड़कर सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। यह कदम उत्तर प्रदेश को देश का पहला गरीबी मुक्त राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।