बेटा पूछे अम्मा से।
बाबू घर कब आएंगे,
पिचकारी, गुब्बारे अम्मा,
रंग कहां से लाएंगे,
बिन बाबू जी के हम अम्मा,
कैसे झूमेंगे गायेंगे,
बेटा पूछे अम्मा से,
बाबू घर कब आएंगे।।
अम्मा शोर यह कैसा है,
यह कैसे बाजे बजते है,
बाबू जी के साथी क्यों,
आंगन में अपने दिखते है,
बाबू जी को बक्से में।
बंद करके क्यों लाएं है,
ठंड लगी क्या बाबू जी,
जो ओढ़ तिरंगा आएं है,
अम्मा बैठी मौन लिए।
आंखों में आंसू ये बोली,
पापा तेरे खेल गए बेटा,
कल सरहद पर होली,
देश मेरा त्यौहार मनाएं,
ऐसे भाव लिए होगे,
अपने लहू से दुश्मन संग,
होली वो खेल गए होगे,
दिल पर रखकर पत्थर बोली,
वो लौट नहीं अब पाएंगे,
बेटा संग हम बाबू जी के,
कभी ना होली मनाएंगे।।
पिचकारी, रंग और गुलाल,
अब हम ही तुझे दिलाएंगे,
बेटा पूछे अम्मा से।
बाबू घर कब आएंगे,
हंगामा धामपुरी