एक पति ने अपनी पत्नी को रंग लगाया।
उसी समय उसका प्रेमी आया।
यह रंग उसके प्रेमी को बिल्कुल नहीं भाया।
रंगों को देख उसके चेहरे पर भी विना खुशी मुस्काया।
पत्नी बोली इशारे से,
तू ऐसी गलत समय पर क्यों आया।
बेचैन होता है तू,
मैंने तो इसको रंग लगाकर ही भरमाया।
पति अपनी पत्नी को देखकर यूं ही मुस्कुराया।
पत्नी बोली अपने पति से देखो जी कुछ शर्म करो,मेरा भैया घर आया।।
इस तरीके से इस होली के त्यौहार को मनाया।
और प्रेमी को किसी तरीके से मना कर अपने घर पठाया।
जो उसको बिलकुल नहीं भाया।
गुस्साई नजरों से देखा और बोला।
जब पति था मुझे क्यों बुलाया।
होली है इसलिए रंग लगाया।
सीता सर्वेश त्रिवेदी शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां