महिला ना हो तो संसार ना होगा।नर पर नारी हमेशा से भारी.है। शब्दों, में लिख कर भी " नर " छोटा है पर" नारी "पर ई की मात्रा होती है। जो की नर पर भारी होने का संकेत है। वैसे भी कहा जाता है की हर अच्छे काम के पीछे एक औरत की हाथ होता है।नारी ने घूंघट हटा कर घर की देहरी लांघ कर संसार को अपने नऐ स्वरूप की परिचय दिया । पहले जिस नारी की पहचान रामू की बहुरिया या मोहन की बहुरिया हुआ करती थी अब मेरीकाॅम, कल्पना चावला पीटी ऊषा, इन्दिरा गांधी,सुषमा स्वराज सी। हस्तियों के रूप में होती है। गिनने पर आऐगे तो हर क्षेत्र में महारथ हासिल करने वालों के नाम कम नहीं होगे
हमारी गिनती कम हो पड जाएगी। स्वाभिमान जिसका गहना है तूफानों से ना हारी है। कोमल है कमज़ोर नहीं। वही आज की नारी है।
घर का चूल्हा -चौका भी करती है बच्चों की परवरिश करके उनको संस्कार सिखाती है।
सास-ससुर की सेवा करती ऑफिस की फाईलों। कोभी सभांलती है। हाथ में बेलन। भी होता है तो समय पडने पर
तलवार भी उठाती है। पैर जमीं पर होते है पर मन गगन
के उढान के ख्वाब देखता।पग पग मिलती रही चुनौतियां
पर ना उससे डर कर.हारी है। आज की नारी हर क्षेत्र का नेतृत्व करने का दम,-खम रखती है। अपनी युग परिवतॅन
की सोचने साथ नारी ने की क्षेत्र में पुरूष को भी पीछे छोड़
दिया है कुछ नारियों कीकथनी।।और करनी पाएं मतभेद साफ नज़र आता है। महिला दिवस मनाकर केक काटेगे पर किसी मज़बूर जरूरत मंद की मदद करने से पहले दस
बार.सोचेगे।
"फूलो की कोमल छाया में
शक्ति का नाम.ही नारी है।
जग को जीवन देने वाली
मौत भी तुझ से हारी है।
अपराजिता राजोरिया
महिला ना हो तो संसार ना होगा।
Sunday, March 09, 2025
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