आयो आयो रे हो.----
फागुणयो सब मिल खेले होरी
बरसाने में आज
कान्हा की टोली डोली 2
1) रंग भरी पिचकारी कान्हा
मारे राधा जु पे
और राधा मारे लाठी से
खेले लड़वन की होरी
आयो आयो रे - - - -
2). गोप- गोपिका, गवाल- बाल
सब मिल खेल रहे होरी
रंग गुलाल अबीर उडात है
और खावे भांग की गोली
आयो आयो रे - - -
3) सारो सारो कह कर उनको
गोपी देत है गारी
भाँग नशे में गोपन को तो
गारी लागे प्यारी
आयो आयो रे - - -
4) होरी को ऐसो रंग चढयो
सब और रंग फुहार
गावत नाचत , खुशी मनावे
झूमे है संसार
आयो आयो रे - - -
5) फागुण का महीना देखो
लाऐ रंग गुलाल
पिवत खावत गिरत पढत है
खुशी से गावे फाग
हाँ जी मेघा गावे फाग
आया होरी का त्योहार
आयो आयो रे---
स्वरचित मौलिक
मेघा अग्रवाल
नागपूर महाराष्ट्र