-- एक गेट मार्ग से ही निकलते हैं हजारों लोग
- अल्हागंज। पिछले 1 वर्ष से प्रत्येक सप्ताह शनिवार को कस्बे में मीना बाजार का आयोजन चल रहा है। जिसमें हजारों की संख्या में भीड़ हो रही है। सैकड़ो को आने जाने के लिए मात्र एक ही रास्ता है। प्रत्येक शनिवार को हजारों की संख्या में यहां भीड़ होती है इस दिन पूरा मार्केट सूना रहता है क्षेत्र की हजारों संख्याओं में पुरुष महिलाएं प्रत्येक शनिवार को मीना बाजार में खरीदारी करने आती हैं लेकिन यहां कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है।
पिछले एक वर्ष से मीना बाजार आधी अधूरी तैयारी और कई सारी अनियमिताओं के साथ शहर में चल रही है। जिसमें दूर दराज के गांव और कस्बे के हजारों की तादाद में इस मीना बाजार को देखने व खरीददारी करने आते हैं अगर इस बंद बाजार में सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो जिसके लिए सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। वही एक मात्र आने जाने का रास्ता है कुछ सामाजिक तत्व गेट पर भीड़ के रूप में खड़े हो जाते हैं। जिस पर ना तो स्थानीय प्रशासन का ध्यान है और ना हीं मीना बाजार संचालक का।
-- बाजार परिसर में सार्वजनिक शौचालय का नहीं हैं कोई इंतजाम
वहीं मीना बाजार परिसर में आने वाले लोगो के लिए में सार्वजनिक शौचालय का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया क्योंकि बाजार में महिलाएं और बच्चे सभी घूमने खरीद दारी करने आते हैं अगर किसी को कोई इमरजेंसी पड़ जाए तो सार्वजनिक शौचालय बाजार कैंपस में नहीं हैं। जिसमे खासकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
फायर सेफ्टी का नहीं है कोई इंतजाम
वहीं अगर बात करें आगजनी से बचाव और सुरक्षा की तो मीना बाजार में फायर सेफ्टी के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया गया है क्योंकि अगर बात की जाए आगजनी की तो कई बार आगजनी के हादसे कई जगह देखने को मिल चुके हैं इस दृष्टि से भीड़भाड़ वाली जगह पर फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम होना अति आवश्यक है। जोकि नियमों मैं भी आवश्यक है।
क्या प्रशासन को है किसी बड़े हादसे का इंतजार
वहीं अगर बात करें स्थानीय प्रशासन की तो बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मीना बाजार लगने के लिए परमिशन कैसे दे दी जबकि इस बाजार में सुरक्षा और व्यवस्थाओं के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है क्योंकि ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा मेले में घटित होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा वहीं सवाल यह भी खड़ा होता है की प्रशासनिक अधिकारियों ने संचालित हो रहे इस बाजार में अब तक निरीक्षण क्यों नहीं किया और अगर निरीक्षण किया है तो उन्हें मेले में इस तरह की कमियां और लापरवाही कैसे नजर नहीं आई।