- अल्हागंज। पूरे साल जुआ खेलने के शौकीन जुआरियों की सरगर्मियां
दीपावली की आहट के साथ इन दिनों कुछ ज्यादा बढ़ गई है। समाज में शराफत की चादर
ओढ़कर घूमने वाले कुछ ऐसे चेहरे हैं, जो जुआ खिलवाने का पूरा प्रबंध करते हैं। जुआ
खेलने के बदले में बाकायदा फीस के रूप में मोटे पैसे लिए जाते हैं। जुआ की दुनिया
में उसे नाड़ कहते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस गंदे खेल में कोई 'लखपति'
तो
कोई 'खाकपति' हो जाता है। हां, इसमें जुआ खेलने वालों का चाहे भला हो या न हो,
मगर
जुआ खेलने का स्थान देने वाला ही मोटी मलाई डकार जाते हैं। जिला पुलिस भले ही दावा
कर रही है कि जुआ नहीं खेलने दिया जाएगा। जुआरियों पर शिकंजा कसा जाएगा, मगर
जुआरी भी पुलिस डाल-डाल तो वे पात-पात चलने का हथकंडा अपना रहे हैं। अभी से ही जुए
से लाखों के वारे न्यारे करने की तैयारियां शुरु हो गयी है सूत्रो की माने तो जुआ
खेलने के चक्कर में नगर के कई नामी लोगों का दीपावली से पहले ही दीवाला निकल चुका
है। और तो और क्षेत्र में होने वाले जुआ में किस्मत आजमाने के लिए दूसरों से शहरों
से भी जुआरी कुछ दिन पहले आए थे पर बरसात ने उनका दिवाला निकाल दिया।
कुछ तो पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं, कुछ बचने में हा
जाते हैं कामयाब
दीपावली से पहले ही होने बाले जुआ के गंदे खेल में शामिल संचालकों
द्वारा उन पर पुलिस की नजर न पड़े बाकायदा तौर पर पहरा बिठाया होता है। एहतियात के
तौर पर जुए के अड्डे के बाहर वे अपने मोबाइल फोन से लैस अपने आदमी बैठाए रहते हैं।
उनके आदमी बाहर की गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं और जुआरियों को बाहर की पल-पल
की रिपोर्ट मिलती रहती है। कुछ लोग तो इसी आड़ में मालदार आसामी को फंसाकर अपना
उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं।
मौके पर ही मिल जाता है कर्ज
जुआ में बाजी मारने के लिए अड्डों के संचालक मिलीभगत से मालदार आसामी
को फंसाते हैं। पहले तो जानबूझ कर उसको मालामाल किया जाता है। बाद में अपने नायाब
हथकंडे से उसे इस कदर कंगाल बना दिया जाता है कि वे आने वाले कई वर्षो तक कर्ज के
भार से उबर नहीं पाता। सूत्र बताते हैं कि आन दि स्पाट फाइनेंस की भी व्यवस्था
होती है। दीपावाली में जुए के दौर में कंगाल होने की पीड़ा की चर्चा बाद में गरमाती
है। सूत्रों की मानें तो अगर पुलिस निस्वार्थ होकर छापेमारी करे तो बड़े स्तर पर
जुए का भंडाफोड़ हो सकता है। और तो और जुए के अड्डे के आसपास रहने वाले लोग बहुत
परेशान हैं, लेकिन वह चाहकर भी मुंह नहीं खोल पाते हैं। बडे बडे कारखानों पर जुऐ
के फड सजने लगे है और आगे की तैयारियां भी शुरू हो गयी है।
पुलिस रखेगी निगरानी, होगी कार्रवाई
बैसे जुआरी कितनी भी तैयारी कर ले इस बार पुलिस भी अपना गुप्तचरों का
जाल बिछा सकती है इस दीपावली से पहले हो रहे जुऐ के अड्डो की पुलिस निगरानी। करा
रही है इस वर्ष दीपावली पर पुलिस सतर्क रहने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।