- फर्रुखाबाद के रोशनाबाद में संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए अभियान चलाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य टीम को 41 घरों में लार्वा मिला। वेक्टर बॉर्न डिजीज के नोडल अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने कहा कि पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने, मच्छर रोधी अगरबत्ती व मच्छरदानी का प्रयोग करने, कहीं भी साफ पानी का ठहराव न होने देने, साफ पानी के ठहराव वाले घरेलू व सामुदायिक स्थानों की नियमित सफाई करने और लक्षण नजर आने पर तुरंत अस्पताल जाने जैसे पांच मंत्रों को अगर लोग अपना लें तो डेंगू का प्रसार रुक जाएगा।
लोगों को किया जागरूक
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) नौशाद ने डेंगू प्रभावित क्षेत्र रोशनाबाद में लोगों को डेंगू से कैसे बचें, इसकी जानकारी दी और प्रचार प्रसार सामग्री का वितरण भी किया। डीएमओ ने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित बुखार है। सिर्फ प्लेटलेट्स काउंट कम होने को ही डेंगू नहीं कह सकते,जब तक एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव न आए। उन्होंने बताया कि ठण्ड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना। सिर, मांस पेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना। आँखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आँखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है ।अत्यधिक कमजोरी लगना, भूख में बेहद कमी तथा जी मिचलाना| मुंह के स्वाद का खराब होना। गले में हल्का सा दर्द होना। शरीर में लाल ददोरे -रैशिस- का होना आदि डेंगू के लक्षण हैं।
146 घरों की हुई पड़ताल
मलेरिया निरीक्षक नरजीत कटियार ने बताया रोशनाबाद में लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक करने के साथ ही 146 घरों में 378 लार्वा स्रोत का निरीक्षण किया। इस दौरान 41 लार्वा स्रोत को मौके पर ही नष्ट कराया l साथ ही लार्वा निरोधक दवा का छिड़काव भी किया गया। उन्होंने बताया कि डेंगू का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खास एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से ही होता है। यह मच्छर सामान्यतया दिन में काटते हैं और ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपते हैं । सतर्कता ही इस बीमारी से बचाव है। मधुमेह के मरीजों और गर्भवती को खासतौर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है।