--गंभीर धाराओं में दर्ज किए जाने के निर्देश
--फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में व्यापक स्तर पर तैयारी करने एवं जन जागरूकता प्रसारित करने के निर्देश
- शाहजहाँपुर। फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने फसल अवशेष एवं पराली प्रबंधन के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि फसल अवशेषों को जलाना अपराध है और ऐसा करने वालों के विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जाएगी एवं गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि फसल अवशेषों को खेत में जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, अपितु भूमि की उर्वरा शक्ति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन हेतु व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों की खरीद पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि आगामी सत्र में धान की कटाई के उपरान्त पराली को बेलर के माध्यम से संकलित एवं बंडलिंग करने के उपरान्त उसे एचपीसीएल की दातागंज यूनिट तक पहुंचाए जाने हेतु व्यापक स्तर पर प्रबंध किए जा रहे है। उन्होंने उप निदेशक कृषि को निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 के प्राविधानों के अनुसार समस्त प्रबंध पूर्ण किए जाए। इसके अतिरिक्त बेलर द्वारा तैयार किए गए बंडलों को एचपीसीएल की दातागंज यूनिट तक भेजने से पूर्व एकत्रित किए जाने हेतु जनपद के सभी क्षेत्रों, डंपिंग स्थलों का चयन करने के निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिए। उन्होंने सभी एफपीओ के प्रतिनिधियों को प्रेरित करते हुए कहा कि किसानों को जागरूक किए जाने में सहयोग करें तथा लोगों को पराली जलाए जाने से होने वाले नुकसान से भी अवगत कराएं जिससे लोग पराली को जलाने के स्थान पर उसका उचित प्रकार निस्तारण करें। जिलाधिकारी ने कहा कि अधिक से अधिक संस्थाओं और लोगों को बेलर क्रय किए जाने हेतु प्रेरित करें। बैठक के दौरान एच पी सी एल दातागंज यूनिट की प्रतिनिधि किरण कोठारी ने यूनिट द्वारा पराली क्रय किए जाने की प्रक्रिया के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उप कृषि निदेशक ने पराली प्रबंधन के संबंध में जानकारी दी। बैठक के दौरान जिला विकास अधिकारी पवन कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी सतीश चंद्र पाठक, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी, मंडी सचिव, सहित एफ पी ओ के प्रतिनिधि, धान क्रय मिलो के प्रतिनिधि, बेलर स्वामी, कृषकगण एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।