आज हम बात कुछ ऐसे लक्षणों की करते हैं जिन्हें गर्मी के मौसम में इग्नोर करना रिस्की हो सकता है…
एक्सपर्ट:
- डॉ. बीबी भारती, हृदय रोग विशेषज्ञ
- डॉ. चंद्रकांत लहरिया, जनरल फिजिशियन
- डॉ. बालकृष्ण श्रीवास्तव, हृदय रोग विशेषज्ञ
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार तापमान जितना गर्म होगा, आपके शरीर को तापमान नॉर्मल बनाए रखने के लिए उतनी ही ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। इसका सीधा असर दिल पर पड़ता है। यह हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
क्या गलती करते हैं: असल में कार्डियक प्रॉब्लम होने पर किसी व्यक्ति के शरीर में खून की मात्रा कम हो जाती है। जिससे शरीर की एनर्जी लो होती है। लोग गर्मी की थकान समझकर इसे नजरअंदाज करते हैं।
जब एक नॉर्मल फ्लो में हमारा दिल खून का संचार नहीं कर पाता, तो इस स्थिति में बेहोशी की नौबत आ जाती है।
क्या गलती करते हैं: हम समझते हैं कि पानी की कमी या तेज धूप से कोई व्यक्ति बेहोश हुआ होगा। उसे घरेलू उपाय से ठीक करने की कोशिश करते हैं। समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया तो हार्ट ब्लॉकेज का खतरा हो सकता है।
गर्मी में दिल के मरीजों के हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ता है। गर्मी के संपर्क में आने से हार्ट को पूरा करने वाली खून की नसों के अंदर खून के थक्कों के बनने का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट पर प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक हो सकता है।
क्या गलती करते हैं: 'बढ़ती गर्मी में सिरदर्द की समस्या बढ़ जाती है।' यह बात हमारे दिमाग में फिट है। इसलिए खुद से दवाई खाकर, अंधेरे कमरे में हम पूरे दिन सोकर दर्द कम करने की कोशिश करते हैं। डॉक्टर के पास नहीं जाते। याद रखें कि सिररर्द होने की मुख्य वजह गर्मी नहीं होती।
क्या गलती करते हैं: सुबह-सुबह की धूप तेज होती है। इस वजह से ज्यादतर लोग मार्निंग वॉक और एक्सरसाइज का समय कम कर देते हैं। गर्मी से निजात पाने के लिए मिल्क शेक, बादाम शेक, मैंगो, कोल्ड कॉफी का इनटेक बढ़ा देते हैं। कैलोरी काउंट भूल जाते हैं, ऐसे में शरीर में फैट बढ़ने लगता है जो सीधा हार्ट पर असर डालता है।
क्या गलती करते हैं: डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी भी गर्मी में आम प्रॉब्लम है। गर्मी के मौसम में एक नॉर्मल व्यक्ति को डेढ़ लिटर तक पसीना आता है। यूरिन के माध्यम से पानी की कमी भी होती है। पानी कम पीते हैं तो यह सब डिहाइड्रेशन की वजह बनता है।
चलते-चलते जानते हैं 2 सवालों के जवाब
- सेब और खट्टे फल: इनमें मिलने वाला फाइबर पेक्टिन कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
- बेरीज और अंगूर: सभी तरह की बेरीज जैसे स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रसबेरी और अंगूर भी कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं।
- खीरा: खीरा शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है, इससे हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है।
- हरी सब्जियां: पालक में ल्यूटिन और कैरोटेनॉयड्स होते हैं, जो हार्ट की बीमारी का खतरा कम करते हैं।
- टमाटर: टमाटर भी कोलेस्ट्रॉल कम करता है। इसके रस से हाई ब्लड प्रेशर कम होता है।
- बैंगन: हार्ट के मरीजों के लिए बैंगन फायदेमंद है। डाइजेशन सही होता है और कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
- दाल: हाई प्रोटीन और फाइबर की वजह से दाल बैड कोलेस्ट्रॉल को जमा नहीं होने देता। दाल विटामिन बी का भी अच्छा सोर्स है।
- जौ: साबुत अनाज में जौ को अपने डाइट में शामिल करें। इसमें बीटा-ग्लूकन होता है जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।