--ढाईघाट में बौद्ध पूर्णिमा पर्व पर लगा श्रद्धालुओं का मेला
- शाहजहांपुर/मिर्ज़ापुर। बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने ढाईघाट में पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने गंगास्नान कर भगवान बुद्ध की कथा का श्रवण कर एक दूसरे को प्रसाद वितरण किया। जिससे एकबार ढाईघाट गंगातट नमो बुधाय के उद्घोष से गूँज गया। ढाईघाट गंगातट पर प्रत्येक पूर्णिमा को गंगास्नान का मेला लगता है।
किंतु बैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का परिनिर्वाण दिवस होने के कारण यह पर्व बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। जिससे गंगातट पर श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक रही। बौद्ध पूर्णिमा पर्व पर ढाईघाट में सुबह चार बजे से शुरू हुआ गंगास्नान का क्रम दुपहर तक चलता रहा। तेज धूप और गर्मी में गंगातट पर पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं होने से श्रद्धालुओं ने गंगाजल पीकर प्यास बुझाई। एक दिवसीय गंगा मेले में छाया की कोई व्यवस्था नहीं होने से श्रद्धालुओं ने गंगास्नान के बाद तेज धूप और भीषण गर्मी में गंगा के पक्के पुल के नीचे बैठकर पूजा पाठ किया। बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने बौद्ध कथा का श्रवण कर प्रसाद वितरण किया।