लोकसभा चुनाव से पहले यूपी निकाय चुनाव के प्रचार अभियान की रूपरेखा BJP ने तैयार कर ली है। पश्चिम यूपी से प्रचार अभियान की शुरुआत होगी। गांव-गांव और गली-गली में लोगों तक सरकार के काम को पहुंचाने की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम, केंद्रीय मंत्री और जनप्रतिनिधियों को सौंपी गई है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने रविवार शाम वर्चुअल संवाद करके सभी क्षेत्रीय और जिला अध्यक्ष को निकाय चुनाव के टिकट देने की रणनीति के बारे में बताया। उन्होंने 17 नगर निगम में 68 सामाजिक सम्मेलन किए जाने के प्लान पर चर्चा की। हर नगर निगम में 4 सामाजिक सम्मेलन होने हैं। राज्य सरकार के मंत्रियों से लेकर विधायकों तक की जिम्मेदारी तय की है।
डिप्टी सीएम, कैबिनेट मंत्री सरकारी योजनाएं गांव-गांव पहुंचाएंगे
बीजेपी की तरफ से दोनों डिप्टी सीएम, कैबिनेट मंत्रियों के अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह, भूपेंद्र यादव, बीएल वर्मा, एसपी सिंह बघेल और भानु प्रताप जैसे केंद्रीय मंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी है। सरकार की नीतियों को लेकर गांव-गांव जाने का प्लान तैयार किया है। बीजेपी सबसे पहले पश्चिमी क्षेत्रों में अभियान शुरू करेगी।
बीजेपी ने अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया निकाय चुनाव की तारीख का कभी भी ऐलान हो सकता है, लेकिन इससे पहले ही बीजेपी ने पश्चिम की सीटों पर भगवा फहराने की तैयारी कर ली है। इसको लेकर बीजेपी ने अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया है। क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया ने मेरठ के पश्चिमी कार्यालय में पश्चिम के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं के साथ जीत के गणित पर मंथन किया। पश्चिम के कई जिलों के विधायक, एमएलसी, प्रदेश उपाध्यक्ष, मंत्री सहित तमाम पदाधिकारियों के साथ निकाय चुनाव पर मंथन किया।
टिकट पर क्षेत्रीय और जिला अध्यक्ष महानगर की रहेगी अहम भूमिका
बीजेपी अध्यक्ष और संगठन महामंत्री धर्मपाल ने सभी नगर निगम और नगर पालिका टिकट मांगने वाले उम्मीदवारों को जिला अध्यक्ष से मिलने के संकेत दिए हैं। बीजेपी कार्यालय में सख्त हिदायत दी गई है कि टिकट उन्हीं कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को मिलेगा। जिनकी रिपोर्ट जिले और क्षेत्रीय अध्यक्ष से प्रदेश को भेजी जाएगी।
वार्ड की टिकट में जिला और महानगर अध्यक्ष के अलावा विधायक और सांसद की सहमति होगी। प्रत्येक वार्ड से 3 से 5 नाम भेजे जाएंगे। बीजेपी की नई कार्यकारिणी में प्रदेश की टीम के अलावा क्षेत्रीय टीम का ऐलान किया गया है। लेकिन अभी तक की जिला और महानगर अध्यक्ष के बदले जाने की कोई भी सूचना सामने नहीं आ रही है। माना जा रहा है कि बीजेपी प्रदेश के अन्य विंग की टीम का ऐलान कर सकती है, लेकिन जिला और महानगर के अध्यक्षों का ऐलान निकाय चुनाव के बाद करेगी।
मौजूदा मेयर, पार्षद चाहते है फिर से टिकट
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में आरक्षण जारी होते हुए भाजपा में टिकट के लिए दावेदार सक्रिय हो चुके हैं। जहां 17 महापौर वैसे करीब 6 महिला सीटों पर परिवर्तन हुआ है। ऐसे में वह 6 महिलाएं फिर से महापौर का टिकट के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर चुकी है। सेटिंग में निगम के पार्षदों को दोबारा टिकट मिलने की संभावना भी है। फिलहाल भाजपा किसी भी तरीके से कोई भी पार्षद और मेयर की सीट हारना नहीं चाहती है। बीजेपी के सूत्र या बताते हैं कि अगर मौजूदा पार्षद और मेयर का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा तो दोबारा से उन्हें टिकट दिया जा सकता है। इसके लिए स्थानीय नेताओं की सहमति और उनका रिपोर्ट कार्ड जरूरी है।
महानगर अध्यक्ष, क्षेत्रीय अध्यक्ष के बाद प्रदेश की टीम करेगी फाइनल टिकट
बीजेपी के महानगर अध्यक्ष के बाद क्षेत्रीय अध्यक्ष फिर प्रदेश की टीम पार्षदों महापौर के टिकट फाइनल करेगी। फिलहाल लखनऊ में अगर टिकट की बात करें यह माना जा रहा है कि संघ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंजूरी के बाद ही टिकट फाइनल होंगे। बीजेपी के पार्टी के सूत्र यह बताते हैं कि राजधानी में करीब 110 वार्ड पर पार्षद जीतते हैं। 110 वार्ड में से करीब 20 पार्षद ऐसे हैं जो बीते दो दशक से लगातार बीजेपी के सिंबल पर जीतते आ रहे हैं। स्थानीय पकड़ा और बीजेपी के नेताओं की मेहरबानी की वजह से इन पार्षदों का टिकट शायद ही कटे।
जिला स्तर पर बनी टिकट चयन प्रक्रिया की समिति
निकाय चुनाव में आरक्षण लागू की जाने में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की मंजूरी मिलते ही बीजेपी ने तैयारी और तेज कर दी है। पार्टी की सूत्र यह भी बताते हैं कि जिला स्तर पर टिकट को लेकर एक चयन समिति भी बनाई गई है। जिस चयन समिति में टिकट मांगने वाली अपने बायोडाटा के साथ क्षेत्र में किए गए अब तक कार्यों के बारे में बताते हुए आवेदन कर रहे हैं। करीब 3 जगहों से बायोडाटा की मंजूरी मिलने के बाद उनका नाम क्षेत्रीय अध्यक्ष के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष तक भेजा जाएगा। चयन समिति की प्रक्रिया के लिए एक पदाधिकारी महानगर स्तर पर नियुक्त किया गया है।