लक्ष्मण को लगी शक्ति सुषेण वैद्य ने किया उपचार
- शाहजहांपुर। मंगलवार के दिन ओसीएफ रामलीला के मंचन में अंगद रावण संवाद व लक्ष्मण के शक्ति लगना दिखाया गया। रावण के गुप्तचर सुख और सारंग रावण के दरबार में वापस आकर रामा दल का हाल रावण को सुनाते हैं। रावण से कहते हैं आप राम की पत्नी वापस करके राम से मित्रता कर लीजिए बे बहुत दयालु हैं। आप उनसे क्षमा मांग लीजिए।
इस पर रावण क्रोधित होकर उन्हें दंड देता है। इतने में ही एक दूत रावण को सूचना देता है एक वानर आपसे मिलने आया है जो खुद को राम का दूत अंगद बताता है। रावण मिलने की आज्ञा देता है। अंगद रावण के दरबार में आकर राम की सूचना रावण को देते हैं। अब भी वक्त है रावण तुम समझ जाओ यदि अभी तुम चाहो तो युद्ध नहीं होगा तुम सम्मान सहित माता सीता को प्रभु श्री राम को सौंप दो। इस पर रावण क्रोधित होकर अंगद से अभद्रता करने लगता है। जिस पर अंगद कहते हैं तुम्हारी योद्धा इतने ही वीर हैं तो मेरे पग को तनिक भर हिलाकर दिखाएं। यदि मेरे पैर को तनिक भर भी हिला देंगे तो मैं माता सीता को यही छोड़ दूंगा और अपने प्रभु की ओर से माफी मांग लूंगा रावण के योद्धा आते हैं किंतु अंगद का तनिक भर भी पैर नहीं हीला पाते। इस पर रावण खुद उठकर आता है लेकिन अंगद पैर हटा लेते हैं कहते हैं यदि पैर ही पकड़ना है तो प्रभु श्री राम के पकड़ो, अंगद वापस रामा दल पहुंच जाते हैं और रावण का सारा हाल प्रभु श्री राम को सुनाते हैं। इसके बाद रावण अपने पुत्र मेघनाथ को युद्ध में भेजता है। मेघनाथ जब भी युद्ध पर जाता है अपनी प्रिय पत्नी सुलोचना से तिलक कराकर एवं विदा करके जाता है। उसकी पत्नी कहती है कि मैं अपने बल से कहती हूं जीत आपकी ही होगी। जब भी ऐसा होता था मेघनाथ हमेशा जीता था वह आज भी अपनी पत्नी से विदा लेकर युद्ध में जाता है। मेघनाथ का युद्ध लक्ष्मण से होता है वह लक्ष्मण पर अपने वाणों से बार-बार प्रहार करता है पर लक्ष्मण हर बार उसके बाणों को ध्वस्त कर देते हैं। इस बार मेघनाथ लक्ष्मण पर ब्रह्म शक्ति बाण का प्रहार करता है। लक्ष्मण सम्मान सहित ब्रह्मास्त्र को अपनी ओर आने देते हैं। ब्रह्मास्त्र लगते ही लक्ष्मण मूर्छित होकर गिर जाते हैं और हनुमान लक्ष्मण को युद्ध स्थल से उठाकर श्रीराम के पास ले जाते हैं। रामजीं लक्ष्मण को मूर्छा में देख कर बहुत दुखी होते हैं। विभीषण प्रभु श्री राम को सुषेण वैद्य के बारे में बताते हैं। इसके बाद राम हनुमान को लंका भेजते हैं। हनुमान जी सुषेण वैद्य को लेकर आते हैं। सुषेण वैद्य संजीवनी बूटी लाने को कहते हैं। हनुमान संजीवनी बूटी लेने जाते हैं। और पूरा पहाड़ ही लेकर आ जाते हैं। सुषेण वैद्य संजीवनी बूटी छांट कर लक्ष्मण का अपराध उपचार करते हैं। और उपचार होते ही लक्ष्मण अपनी मूर्छा से उठ जाते हैं। श्री राम खुश हो जाते हैं। पूरी रामायण में श्रीराम के नारे लगने लगते हैं। आज के मंचन में अंकित सक्सेना, राहुल यादव, बटेश्वर दयाल, प्रमोद सक्सेना, कौशलेंद्र पांडे, प्रियंका, देवेंद्र, रोहित सक्सेना कुलदीप दीपक आदि कलाकार सम्मिलित हुए।