--बाईपास से लेकर मार्केट तक हुआ बानर सेना के साथ युद्ध जय श्री राम के लगे नारे
- अल्हागंज। नगर के मैदान में चल रही श्री रामलीला का शुक्रवार को समापन हो गया। मेले में आए लोगों ने खरीदारी की। वहीं बच्चों ने झूलों का लुफ्त उठाया। शाम को श्रीराम लीला मैदान बिजली की झालरों से जगमग हो उठा। कलाकारों ने श्रीराम और रावण युद्ध का मंचन बाईपास से लेकर मार्केट होते हुए रामलीला मैदान तक हुआ श्रीराम के बार-बार अपने बाणों द्वारा रावण के सिर काटने के बावजूद भी उसके सिर पर एक नया सिर उग आता था।श्री राम और सुग्रीव आदि अचंभित हो गए। रावण के भाई विभीषण ने श्रीराम को बताया कि रावण की नाभि में अमृत कलश है, नाभि को निशाना बनाकर बाण चलाइए।
श्रीराम ने रावण की नाभि पर बाण से प्रहार किया, रावण किसी कटे वृक्ष की भांति धराशायी होकर भूमि पर आ गिरा। रावण की मृत्यु के पश्चात् भगवान श्रीराम ने विभीषण का राजतिलक कर उसे लंकापति घोषित किया। विभीषण को सिंहासन पर बैठने के बाद श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण समेत वापस अयोध्या के लिए विभीषण द्वारा दिए गए पुष्पक विमान पर सवार होकर रवाना हुए। श्रीराम के वापस अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने इस अवसर पर नगर को दीपों से सजाया। श्रीराम का रूप धारण किए कलाकार ने अग्निबाण चढ़ाकर रावण के पुतले का दहन किया। पुतले में आग लगते ही वह धू-धूकर जलने लगा।इस अवसर पर श्री आदर्श रामलीला कमेटी के अनिल गुप्ता, रामलखन मिश्र, रमेश अग्निहोत्री, अवधेश मिश्रा, गोरव गुप्ता,केशव तिवारी, ध्रुव कुशवाह आदि मौजूद रहे।
रौचक रहा श्रीराम बानर सेना व रावण सेना का युद्ध
कमेटी द्वारा श्रीराम रावण युद्ध के लिए रथ सजाए गये जिसमे एक रथ पर श्रीराम और बानर सेना मौजूद थी दूसरे रथ पर रावण व उसकी सेना मौजूद थी बाईपास से मेला ग्राउड तक युद्ध की सूचना से नगर के बाजार मार्ग पर पहले से लोगो ने देखने के लिए स्थान चुन लिए थे मार्केट मे युद्ध देख दुकानदार खरीददार रहागीर सडक पर आ गये थे छतो पर भीड दिखी सभी युद्ध देखने के लिए आतुर हो रहे थे महिलाए श्री राम सेना पर पुष्प वर्षा के लिए तैयार खडी थी जैसे ही बाईपास से श्रीराम रथ आया युद्ध शुरु हुआ तरह तरह के बाण और शक्तियों से रावण ने श्रीराम पर प्रहार किया श्री राम और उनकी बानर सेना ने हर बार जबाब दिया रथो के साथ नगर भीड आनंद लेते हुए चल रही थी।