30 अप्रैल को शनैश्चरी अमावस्या पर्व मनेगा। इस दिन स्नान-दान करने की परंपरा है। वैशाख महीने में शनिवार को अमावस्या का योग कम ही बनता है। इसलिए ग्रंथों में इसे महापर्व भी कहा गया है। इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा। साथ ही मेष राशि में तीन ग्रहों की युति बनेगी और उस पर शनि की दृष्टि रहेगी। वहीं, ये पर्व प्रीति और सौम्य नाम के शुभ योगों में मनेगा। जिससे इस दिन किए गए शुभ कामों का तीन गुना पुण्य फल मिलेगा।
वैशाख में शनि अमावस्या का शुभ संयोग
पुराणों में बताया गया है कि पूरे वैशाख महीने में तीर्थ स्नान और दान करने से कई गुना पुण्य फल मिलता है। वहीं, शनि अमावस्या के बारे में कहा गया है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य से हर तरह के दोष दूर हो जाते हैं। इसलिए वैशाख महीने में पड़ने वाली इस शनैश्चरी अमावस्या पर तीर्थ स्नान, अन्न, वस्त्र और जल दान करने से महा यज्ञ करने जितना पुण्य फल मिलता है। इस दिन मिलने वाला पुण्य लंबे समय तक शुभ फल देने वाला होता है।
शनि अमावस्या पर सूर्य ग्रहण
इस हफ्ते के आखिरी में शनिवार को अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण हो रहा है। ये आंशिक ग्रहण रहेगा। हालांकि ये भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए यहां इसका असर नहीं होगा और इसका धार्मिक महत्व भी नहीं रहेगा। लेकिन इस ग्रहण का भौगोलिक असर जरूर दिखेगा। इस कारण समुद्री दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ेगी। देश में कहीं तेज बारिश और ओले भी गिर सकते हैं। समुद्र या नदियों के किनारे बसे शहरों में प्राकृतिक आपदा आने का अंदेशा है। भारत को छोड़ जिन देशों में ग्रहण दिखेगा वहां शीत युद्ध और तनाव के हालात बन सकते हैं।
त्रिग्रही योग और शुभ ग्रह स्थिति
इस पर्व पर मेष राशि में सूर्य, चंद्रमा और राहु की युति बन रही है। इन ग्रहों की युति पर शनि की दृष्टि रहेगी। सूर्य उच्च राशि और शनि खुद की ही राशि में होगा। वहीं, इस पर्व पर प्रीति और सौम्य नाम के शुभ योग रहेंगे। साथ ही 4 राशियों में सभी ग्रहों के होने से केदार योग बनेगा। जिससे इस दिन तीर्थ स्नान और दान करने से मिलने वाला पुण्य और बढ़ जाएगा। श्राद्ध करने से पितर संतुष्ट हो जाएंगे। इस दिन धर्म-कर्म करने से हर तरह के दोष खत्म होंगे। इस दिन भोजन, लोहा, उड़द, काले कपड़े, छाता, जूते-चप्पल, और जल दान करने से शनि दोष खत्म होंगे।