--सुबह 2 बजे से सुबह 5 बजे तक दक्षिणा लेकर निकाली जाती भूसे की पीकप--
- अल्हागंज। अभी तक मादक पदार्थ जाली नोटों की तस्करी की बात सामने आया करती थी लेकिन पिछले वर्ष से चल रही जानवरों के चारे भूसे की तस्करी पर जिलाधिकारी ने रौक लगा दी है। लेकिन क्षेत्र में यह आदेश की अवेहलना खूब हो रही है। अल्हागंज थाना क्षेत्र के चौराहे से बार्डर पार जनपद फरुखाबाद के लिए भूसे भरे ट्रेक्टर व पीकप निकाली जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ महीनों पहले गेहू का रेट 1800 तो भूसे का रेट 1900 से 2000 तक बिका। अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में क्षेत्र के व्यापारी गांव-गांव जाकर 1400 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भूसा खरीद कर। जिसे ये गैर जनपद फर्रुखाबाद भेज रहे थे। जिससे उन्हे तुरंत ही 300 रुपये का मुनाफा मिल जाता था। वहां 1800 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भूसा बेचा जा रहा था। तमाम ऐसे व्यापारी हैं जो अधिक पैसा कमाने के चक्कर में भूसा पड़ोसी जनपद फर्रुखाबाद भेज रहे थे। अल्हागंज क्षेत्र व पडोसी जनपद हरदोई जिले के तमाम ऐसे व्यापारी हैं जो भूड व गांवों से भूसा खरीदने के बाद रौजाना फर्रुखाबाद की मंडी सुबह 5 बजे पहुंच जाते हैं। इन मंडी में बडे व्यापारी आते हैं। जो 1900 से 2100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भूसा खरीदते हैं। उनके अपने वाहन होते हैं जो भूसा लेकर कानपुर आगरा जैसे महानगरों में निकल जाते हैं। जिसके कारण शाहजहांपुर जनपद का चारा अन्य महानगरों में पहचने के कारण कमी हो जाती है। इसी लिए पिछले वर्ष जनपद में भूसा 2000 तक बिका और जानवरों को पालने बाले लोगो को काफी मुसीबत हुई। और दूध की महगाई हुई। जिसे देखते हुए जिलाधिकारी ने आदेश दिया था कि भूसे को जनपद से बाहर भेजने से जनपद के पशुओं हेतु प्राप्त मात्रा मे आहार उपलब्ध न हो सकेगा। साथ ही भूसे के मूल्य मे अप्रत्याशित वृद्धि होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए जनपद से भूसे के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाता है। पर यह आदेश की अवहेलना क्षेत्र के हुल्लापुर चौराहे पर देखी जाती है। रौजाना यहां सुबह 2 बजे से सुबह 5 बजे हरदोई जनपद के क्षेत्र तथा अल्हागंज क्षेत्र से पडोसी जनपद फर्रुखाबाद मंडी को जाने बाले ट्रेक्टर व पीकप को दक्षिणा लेकर निकाला जा रहा है। पहले भी यहां दक्षिणा लेकर औबर लोड भूसे की गाडियों को निकाला जाता था लेकिन प्रतिबंध होने के बाद ज्यादा दक्षिणा लेकर हुल्लापुर चौराहे निकाला जा रहा है। यहां रौजाना रात के अधेरे में पचासों पीकप भूसे की निकाली जा रही है। इनके लिए जिलाधिकारी का आदेश भी कोई मायने नहीं रखता।