राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी ब्राह्मण समाज से दमदार नेता को खोज रही थी और पार्टी को ब्रजेश पाठक में एक दमदार ब्राह्मण नेता की छवि दिखी.
ब्रजेश पाठक उत्तर प्रदेश के नए सीएम बन गए हैं. कुछ ही देर पहले उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. पाठक राज्य की पिछली बीजेपी सरकार में विधायी, न्याय एवं ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा मंत्री रह चुके हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी ब्राह्मण समाज से दमदार नेता को खोज रही थी और पार्टी को ब्रजेश पाठक में एक दमदार ब्राह्मण नेता की छवि दिखी.बीजेपी में लगातार मजबूत होते जा रहे ब्रजेश पाठक का राजनीतिक सफर काफी घुमावदार रहा है. उन्होंने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की लेकिन जल्द ही बीएसपी का दामन थाम लिया और पार्टी के प्रमुख चेहरे बन कर उभरे लेकिन फिर 2014 में मोदी लहर में चुनाव हारने के बाद उन्होंने बीजेपी में जाने में देर नहीं की.ब्रजेश पाठक का जन्म 25 जून 1964 को उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मल्लावां में हुआ था. वह पेशे से वकील हैं. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक (एलएलबी) की डिग्री प्राप्त की. 1989 में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले ब्रजेश पाठक साल 1990 में लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रह चुके हैं.
पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा
बीएसपी का दामन थामना और सफलता की सीढ़ियां चढ़ना
बृजेश पाठक ने 2004 में कांग्रेस का साथ छोड़ बीएसपी के हो गए. यह परिवर्तन उनके लिए सफलता लेकर आया. बीएसपी ने उन्हें 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्नाव सीट से उतारा. इस बार उन्हें जीत हासिल हुई और वह संसद पहुंच गए. बीएसपी में पाठक ने तेजी से अपनी पैठ जमाई और वह सदन में पार्टी के उपनेता बन गए. 2009 में उन्हें पार्टी ने राज्यसभा भेज दिया और सदन में पार्टी का मुख्य सचेतक बनाया.
2012 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने उनकी पत्नी नम्रता पाठक को उन्नाव सदर सीट से उम्मीदवार बनाया हालांकि वह चुनाव जीत नहीं सकी. नम्रता पाठक मायावती सरकार के दौरान यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष भी रहीं.
2014 के लोकसभा चुनाव में हार
2017 विधानसभा चुनाव
2022 का विधानसभा चुनाव
बीजेपी ने 2022 में लखनऊ कैंट से ब्रजेश पाठक को उतारा. उन्हें चुनाव में जीत हासिल हुई.