- अल्हागंज। कस्बें में अवैध खनन का कारोबार फिर जोरों पर चल पडा है। नदी खेत किनारे से बालू और मिट्टी का खनन वालों की ट्रैक्टर-ट्रालियां धड़ल्ले से दौड़ रही हैं। जबकि अवैध खनन पर रौक है इसके बावजूद यहां दिन रात ट्रेक्टर ट्रालिया फर्राटे भर रहे है। जिनके लिए मानक भी तेल लेने गया है।
जानकारी के अनुसार करीब पांच दिनों से अवैध खनन करने वालों के वाहन ज्यादातर दिन में चलते हैं। फिर रात में दस बजे से लेकर सुबह के पांच बजे तक वाहनों को दौड़ते हुए देखा जा सकता है। पुलिस की सहमति मिलने पर दिन में भी कारोबार चलता है। और रात मे बालू खा खनन किया जाता है। इस खेल मे पांच ट्रेक्टर लगे हुए है। मानक इनके लिए कोई मायने नहीं रखता। इसलिए दिन रात खनन होता है। अवैध खनन के लिए तय अलग-अलग रेट बालू और मिट्टी का खनन करने वाले कारोबारियों ने पेशगी का अलग- अलग रेट तय कर रखा है। ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ ही बैलगाड़ी व बुग्गियों से भी बालू ढोए जा रहे है। माफियाओं ने अपने सूत्र क्षेत्र में फैला रखे हैं जो लोगों से आर्डर लेते हैं और रात होते ही नदी से अवैध खनन कर रेत उनके गंतव्य तक पहुंचा देते हैं। शाम होते ही नदी किनारे ट्रैक्टर-ट्रालियों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। माफिया पहले नदी किनारे खनन कराकर बालू का ढेर लगवा देते हैं। इसके बाद रात में पहुंचकर उसे वाहन में भरते हैं और निकल जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में शहरी क्षेत्रों में भी माफिया अवैध खनन की रेत पहुंचा रह हैं और प्रशासन उन पर नकेल कसने में नाकाम है। बुधवार को कस्बें के कई मोहल्लों में बैलगाड़ी से बालू गिराते देखा गया वहीं ट्रेक्टर से भी बालू व मिट्टी गिराते देखा गया माफिया अवैध खनन को लेकर काफी सक्रिय है और उनका कारोबार जोरों से चल रहा है। इस नदी से रात में जहां ट्रैक्टर-ट्राली से बालू ढोई जा रही है वहीं दिन में भी बैलगाड़ियों के माध्यम से माफिया अवैध खनन कर बालू गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। क्षेत्र में कहीं भी खनन का ठेका नहीं है। इसके बाद भी अवैध खनन का कारोबार जोरों से चल रहा है और कार्रवाई नहीं हो रही है। दिन में मिट्टी और रात में बालू का खनन हो रहा है।