ख़ुदगर्ज़ सब रफीक फरामोश हो गएकुछ वक़्त के साए में भी बेहोश हो गए।महफिल में उनके आने की चर्चा सुनी मैने,हम तो उसी खबर पे ही पुरजोश हो गए।पलकों पे जो सजते थे, दिखते नहीं मुझे,लगता है मुझको ऐसे कि बा होश हो गए।अब तक तो जिसने नाम की चर्चा सुनी मेरे,देखा मुझे तो आज वो मदहोश हो गए।यादों की कहानी थी या जज़्बों का फ़सानालेकिन वो आज सब ही बलानोश हो गए।शाहीन की यादों में भी जलते चिराग थेबेवक़्त की आंधी में वो खामोश हो गए।डॉ संजीदा खानम शाहीन