योग-प्रसन्न मन और आरोग्य तनयोग है खुशहाल जीवन का आधार,
तनाव-रहित जीवन की है धार।
योग है तंदुरुस्ती और शक्ति का विश्वास,
उत्कृष्ट और श्रेष्ठ विचारों का वास।
योग से बढ़े अनमोल जीवन का साहस,
जीवन में भरे उमंग और हर्षोल्लास।
योग तो है प्रेम-भक्ति की धार,
आत्मविश्वास बने प्रगतिशील आधार।
योग आत्मशक्ति की ज्योत जगाता,
उद्धारकर्ता का स्मरण कराता।
योग है रास्ता अंतःकरण का,
अंतर्मन और आंतरिक शांति का।
योग से ही सुख-शांति और संतुष्टि,
बने प्रबल अंतर्ज्ञान और अंतरदृष्टि।
योग से बने अमूल्य जीवन,
प्रसन्न मन और आरोग्य तन।
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-भूमिका शर्मा
ग्वालियर (मध्यप्रदेश)