होली आई होली आई,
संग में अपने खुशियां लाई।
रंग गुलाल पिचकारी लाई,
खुशियों की किलकारी लाई,
बच्चे बूढ़े सबको भाई।
होली आई होली आई
संग में अपने खुशियां लाई..
होली में भीगे चोली,
सबने मारी रंगों की गोली,
देखो आई मस्तानों की टोली,
मिलकर रंग गुलाल उड़ाई।
होली आई होली आई,
संग में अपने खुशियां लाई।
होली में मिल गए हमजोली,
भांग की बोल बोली,
दबे हुए थे अरमान कबके,
राज सभी ने खोली,
दुश्मनों ने दुश्मनी भुलाई,
दुश्मन को गले लगाई।
होली आई होली आई,
संग में अपने खुशियां लाई।
होली में ठेठरी खुरमी,
और रसदार मिठाई।
घर परिवार संग पड़ोसी
सबने मिलकर खाई।
बड़े बुजुर्गो का आशीष,
मन को बहुत हर्षाई।
होली आई होली आई,
संग में अपने खुशियां लाई।
बीत गए अब पतझड़ सारे,
कलियां फूल मुस्कुराई,
नए पत्ते और मीठे फल
कोयल गीत गाई।
सुख की सौगातें लेकर ,
सतरंगी मौसम ने ली अंगड़ाई।
होली आई होली आई,
संग में अपने खुशियां लाई।
ममता साहू कांकेर छत्तीसगढ़