बुद्ध का वो संदेश लाया,बनकर के शांतिदूतअहिंसा,अस्तेय,अपरिग्रह का,वो अद्वितीय अग्रदूत।।
हरिश्चंद्र की सत्यभक्ति, और श्रवण की पितृभभक्ति।
इन दोनों के सायुज्य से,दी निज व्यक्तित्व को दृढ़ शक्ति।।
काया कृषकाय,पर संकल्प चिर भीष्म।
अंतर के ओज से, खंड किए तमीज़दारों के तिलिस्म।।
सादगी के संत ने, जब जलाई सत्य मिशाल।
आज़ादी की अगुआई में,फौज बनाई एक विशाल।।
न चलाई कभी बंदूक, न चलाई कभी तलवार।
आत्मबल के आयुध से, दिए गोरों के अहम् मार।।
रामराज्य की राह दिखाई, रघुकुल की रीत नीति
अखंड भारत आबाद रहे,कहे ऐसी हो राजनीति।।
स्वरचित_मौलिक_अर्चना आनंद गाजीपुर उत्तर प्रदेश
बुद्ध का वो संदेश लाया,बनकर के शांतिदूत।
Wednesday, October 02, 2024
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