देवी पूजा का नौ दिवसीय महापर्व नवरात्रि आज (15 अक्टूबर) से शुरू हो रहा है। ये पर्व 23 अक्टूबर तक चलेगा। नवरात्रि में देवी दुर्गा के लिए व्रत-उपवास और पूजा-पाठ की जाती है। नवरात्रि की पूजा-पाठ का पूरा लाभ पाने के लिए देवी के साथ ही शिव जी, गणेश जी और कार्तिकेय स्वामी की भी पूजा जरूर करनी चाहिए।
- उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, देवी दुर्गा के साथ ही उनके परिवार यानी गणेश जी, शिव जी, कार्तिकेय स्वामी की भी पूजा जरूर करें। इनके साथ ही नाग देव, मूषक, नंदी और सिंह की भी पूजा करें।
- पूजा की शुरुआत में प्रथम पूज्य गणेश जी का पूजन करें। इसके बाद देवी पूजन करना चाहिए। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। गणेश जी दूर्वा अर्पित करें। कार्तिकेय स्वामी का भी अभिषेक करें।
- देवी दुर्गा के परिवार को बिल्व पत्र, दूर्वा, मौसमी फल और मिठाई चढ़ाएं।
- नवरात्रि में घर के अंदर और बाहर अच्छी तरह साफ-सफाई करनी चाहिए।
- घर में रोज गोमूत्र का छिड़काव करें। इससे घर की नकारात्मकता खत्म होती है और पवित्रता बढ़ती है। पूजा के लिए अनुकूल वातावरण बनता है।
- देवी दुर्गा की पूजा में सुहाग का सामान जैसे लाल चुनरी, लाल फूल, कुमकुम, सिंदूर, लाल चूड़ियां, बिंदिया, आभूषण भी रखना चाहिए। नौ दिन की देवी पूजा के बाद सुहाग का पूरा सामान किसी जरूरतमंद महिला को दान करें।
- दुर्गा पूजा करते समय देवी के मंत्रों का जप करना चाहिए। देवी मंत्र - ऊँ दुं दुर्गायै नमः। आप चाहें तो देवी भगवती के नामों का जप भी कर सकते हैं।
- नवरात्रि में देवी पूजा के साथ छोटी कन्याओं की पूजा जरूर करें। छोटी कन्याएं देवी मां की स्वरूप मानी जाती हैं। पूजा के साथ ही जरूरमंद बच्चियों की शिक्षा के लिए धन और अन्य सामग्री जरूर अर्पित करें। कन्याओं को भोजन कराएं। कपड़ों का दान करें।
ये है देवी की सरल पूजा विधि
- पूजा से पहले घर में गौमूत्र और गंगाजल का छिड़काव करें।
- घर के मंदिर में देवी-देवताओं पर जल अर्पित करें। फूलों से श्रृंगार करें।
- वस्त्र अर्पित करें। चंदन, कुमकुम का तिलक लगाएं। धूप-दीपक जलाएं।
- भगवान गणेश की पूजा करें। गणेश पूजा के बाद देवी दुर्गा की, शिव जी और कार्तिकेय स्वामी की पूजा करें।
- कलश पूजन करें। मिठाई का भोग लगाएं। आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद बाटें और खुद भी लें।
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