पीएम मोदी आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे है। जन्मदिन पर पीएम ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना को लांच किया। लखनऊ में CM योगी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम योगी ने कहा, नए भारत के हस्त शिल्पियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। यह नई स्कीम है,गांव देहात के हस्तकला का प्रदर्शन करने वालों को लाभान्वित होंगे। पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकल के आगे बढ़ाने में इस योजना से मदद मिलेगी।
भारत में बन रहे सेना के हथियार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही भारतीय सेना के उपयोग में लाए जाने वाली वस्तुओं को बनाने की ओर ध्यान दिया गया है। सेना के प्रयोग के लिए लगभग सारे हथियार, फाइटर जेट, टैंक्स भारत में ही बन रहे हैं। डिफेंस एक्सपोर्ट के क्षेत्र में भी वित्तीय वर्ष में 16,000 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया है। आज कामगारों को बिना सिक्योरिटी के लोन मिल रहा है। सेना की जरूरत के सामान को हम विदेश में निर्यात कर रहे
राजनाथ सिंह ने कहा कि आजादी के बाद अब तक भारत में पहली बार ऐसा हुआ है। इस साल यह बढ़ाकर 25000 करोड़ तक पहुंच जाएगा। एक लाख करोड़ रुपए का सामान देश में ही तैयार कर रहे हैं। सेना की जरूरत के सामान हम सिर्फ बना ही नहीं रहे बल्कि देशों को निर्यात भी कर रहे हैं।
शिल्पकार और कारीगरों ने भारत को सोने की चिड़िया बनाया था
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत एक सोने की चिड़िया थी।हम एक देश के लिए इतने आत्मनिर्भर थे कि अपनी जरूरत पूरी करने के साथ दूसरे देशों की भी जरूरत पूरी करते थे। शिल्पकार और कारीगरों के सम्मान का आज मौका है। शिल्पकार और कारीगरों ने ही भारत को सोने का चिड़िया बनाया। आजादी के बाद से छोटे उद्योगे से ध्यान हटा कर बड़े उद्योग पर ध्यान देने की सोची। लेकिन न तो वो बड़े उद्योगों पर ध्यान नहीं दे पाए और छोटे उद्योगों का भी नुकसान हुआ।
2014 के बाद शिल्पकार और कारीगरों के सम्मान बचाने का संकल्प लिया
पहले भारत अपने कारीगरों और हस्तशिल्पियों की वजह से जाना जाता था। साल 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने तभी सरकार ने शिल्पकार और कारीगरों के सम्मान को बचाने के लिए संकल्प लिया। इसके बाद तय किया कि सामान को बड़े बाजार में बेचा जाए। इसके बाद मेक इन इंडिया को लांच किया। जिससे जरूरत की समान को हम देश में बेच सके।
झोपड़ी में रहने वालों के खुले जनधन खाते
राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले की सरकार में 1000 करोड़ का एक्सपोर्ट भर के देशों में होता था। लेकिन आज 16000 से ज्यादा का एक्सपोर्ट विदेशों में कर रहे हैं । यह अगले एक साल में 2500 करोड़ तक पहुंच जाएगा।डिफेन्स एक्सपोर्ट के क्षेत्र में आज हम दूसरे देशों को एक्सपोर्ट कर रहे हैं। पिछली सरकारों ने आपसे आपका सम्मान छिना। आपके कामों को कभी उद्योग धंधों में नही माना। शिल्पकार और कारीगरों को बैंकिग व्यवस्था से दूर रखा। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से शिल्पकार और कारीगरों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया। झोपड़ी में रहने वाले लोगों के जनधन खाते खुलवाए गए। 5 करोड़ से अधिक खतौनी में 2 लाख करोड़ से अधिक पैसा कारोगरों का जमा है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना से कारीगरों को पहचान मिलेगी।
ट्रेनिंग में कामगारों को मिलेगा 500 रुपए भत्ता
रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें शिल्पकार और कारीगरों को कभी ट्रेनिंग नही दी। लेकिन हम आपको ट्रेनिंग के दौरान 500 रुपए भत्ता भी देने का काम करेंगे। आप हर दिन नई-नई तकनीकी सीखकर आगे बढ़े। पहले कामगारों को बैंक से लोन लेने के लिए सिक्योरिटी मांगी जाती थी। लेकिन अब बिना सिक्योरिटी के लोन मिल रहा है।
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना से 18 व्यवसायों से जुड़े लोगों को मिलेगा फायदा
- कारपेंटर (बढ़ई)
- नाव बनाने वाले
- अस्त्र बनाने वाले
- लोहार
- ताला बनाने वाले ( मरम्मत कार)
- हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
- सुनार
- कुम्हार
- मूर्तिकार
- मोची
- राज मिस्त्री
- टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले
- पारंपरिक गुड़िया और खिलौने बनाने वाले
- नाई
- मालाकार
- धोबी
- दर्जी
- मछली का जाल बनाने वाले