अक्षय तृतीया कल यानी शनिवार को है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं में इस पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। शुभ और मांगलिक कामों के लिए इस दिन को धर्म शास्त्रों के अनुसार बहुत ही खास माना जाता है। इस तिथि पर किए गए कामों का अक्षय पुण्य मिलता है। अक्षय तृतीया पर स्नान-दान के साथ ही हर तरह के पुण्य कर्म का फल बढ़ जाता है।
वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया होने से इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की विशेष पूजा करने का विधान है। इस दिन श्रीकृष्ण का भी अभिषेक और चंदन से श्रृंगार करने की परंपरा है।
माना जाता है कि ऐसा करने से हर तरह की परेशानियां और पाप खत्म हो जाते हैं। इस दिन व्रत या उपवास करने से आराधना का पुण्य फल और बढ़ जाता है। जिससे लंबे समय तक सुख और समृद्धि मिलती है।
कई पुराणों में इस तिथि को महापर्व कहा गया है। अक्षय तृतीया पर क्या करें, इस बारे में ग्रंथों में विशेष रूप से बताया गया है। जानिए अक्षय तृतीया पर क्या कर सकते हैं...
1. अक्षय तृतीया पर नए कपड़े, शस्त्र, आभूषणा बनवाना या पहना चाहिए।
2. इस दिन सत्तू, चावल और मूंग की दाल खानी चाहिए। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
3. चंदन से श्रीकृष्ण का श्रृंगार कर के पूजन करने से वैकुण्ठ मिलता है। इस दिन वृन्दावन में बांके बिहारी के दर्शन करना पुण्य फलदायी होता है।
4. श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि ये तिथि परम पुण्य फलदायी है। इस दिन दोपहर से पहले स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण और दान करने से अक्षय पुण्यफल मिलता है।
5. अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे कलश, पंखा, चावल, नमक, घी, चीनी, सब्जी, फल, इमली, खरबूज, तरबूज, चरण पादुकायें, जूता, छाता और कपड़ों का दान करना चाहिए।
6. अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी जी की आराधना से धन में स्थायित्व आता है और जीवनभर पैसों की कमी नहीं रहती। ऐसा करने से बिजनेस बढ़ता है। धन संचय और आर्थिक उन्नति होती है। कर्जा और दरिद्रता दूर होती है। इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा से धन-धान्य बना रहता है।
7. वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर गंगा स्नान का विधान ग्रंथों में बताया है। ऐसा नहीं कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर नहाने से तीर्थ स्नान का पुण्य मिल जाता है। इस दिन नदी, पवित्र सरोवर या सागर में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।