-शिक्षित महिला परिवार, समाज और देश के विकास में अहम-जनता--
- अल्हागंज। परिवार, समाज और देश के विकास में एक शिक्षित महिला कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, शिक्षित महिलाएं किस तरह समाज में बदलाव ला सकती हैं,एक शिक्षित महिला ही नगर मे विकास की गंगा वहा सकती है।
पिछले कई बर्षो से नगर का विकास रूका हुआ है नगर पंचायत अल्हागंज मे सबसे ज्यादा कालोनियों का निर्माण हुआ लेकिन जिस तरीके का विकास नगर को चाहिए वह नही मिल पा रहा है। सभी नगरो के अपेक्षा नगर का विकास बहुत ही कमजोर है। इस बार नगर पंचायत की सीट पिछडा वर्ग महिला होने से जनता नगर मे एक शिक्षित महिला के रूप मे चेयरमैन देखना चाहती है। जनता अपने नेता को ही कुर्सी पर बैठना चाहती न बल्कि पति पुत्र व रिश्तेदार को जिससे नगर मे विकास हो सके इस बारे में एन एस एम ए की टीम ने जनता से बात की तो वोटरों ने कहा कि एक शिक्षित महिला की अपने परिवार, समाज से लेकर देश के विकास में शुरू से ही महत्वपूर्ण अहम भूमिका रही है। महिलाओं ने सामंतवादी सोच और सामाजिक रुढ़िवादिता पर भी करारी चोट की।
शिक्षित महिला समाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। पढ़ी-लिखी महिलाओं को बैंक से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर कोई गुमराह नहीं कर सकता है। शिक्षित महिला समाज की रीढ़ होती है। - शालिनी शर्मा
गृहणी के लिए सही शब्द है होम मेकर। शिक्षित महिला मां, पत्नी, बेटी के रूप में एक सभ्य और संस्कारी समाज की शिल्पकार होती है। शिक्षित महिलाएं अपने अधिकारों के साथ ही कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक हैं। - दीपा कश्यप
एक पढ़ी-लिखी महिला अपने परिवार को सभ्य और प्रगतिशील तो बनाती ही है, इसके साथ ही समाज और देश के विकास में अप्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से कई भूमिकाएं निभाती है। - नीतू गुप्ता
समाज और नगर का सही, सच्चे अर्थों में तभी विकास हो सकता है, जब नगर पंचायत पद की अध्यक्ष शिक्षित हो। आज पढ़ी-लिखी महिला घर से लेकर व्यवसाय और अन्य कार्य क्षेत्रों में मुकाम हासिल कर रही है। - स्वाति श्रीवास्तव
बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा दोनों ही बेहद जरूरी हैं। कुछ लोग अभी भी बेटा-बेटी में भेदभाव करते हैं। आज बेटियां पढ़-लिखकर किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। - सुनीता वर्मा
समाज में अभी भी कुछ पिछड़े क्षेत्रों में बेटियों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि अब प्रत्येक नगर गांव में सरकारी विद्यालय उपलब्ध हैं। अच्छे टीचर भी है लेकिन आज भी बगैर रजिस्ट्रेशन के प्राईवेट विद्यालयों मे लोग बच्चों को पढाने को मजबूर है अगर शिक्षित चेयरमैन कुर्सी पर बैठती है तो शिक्षा क्षेत्र मे भी विकास होगा- बीना बेगम
शिक्षित महिला हमेशा जागरूक रहती है और दूसरी महिलाओं को भी जागरूक करती है। इसलिए एक शिक्षित महिला को ही चेयरमैन होना चाहिए- पिंकी तिवारी
शिक्षित महिला चेयरमैन को कानूून, अपने अधिकारी व कर्तव्यों की पूरी जानकारी होगी यदि चेयरमैन शिक्षित होंगी तो महिलाओं के उत्पीड़न होने पर वह न्याय दिला सकती है। नगर कि शिक्षित महिला पर हमें फख्र होगा - भावना राठौर
अगर चेयरमैन कि कुर्सी पर एक शिक्षित महिला बैठेगी तो जैसे एक शिक्षित महिला अपने बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देती है। उन्हें अच्छे संस्कार देती है। यदि बच्चे सभ्य और संस्कारी होंते है वैसे नगर मे भी कई बुराइयां स्वत: ही समाप्त हो जाएंगी। - सोनिया शर्मा
अगर एक शिक्षित महिला चेयरमैन बनती है तो यह नगर के लिए बडी गर्व की बात होगी नगर की चाय जल भराव समस्या हो या व्यापारी सुरक्षा हो,सब्जी मंडी,पानी,विजली,शिक्षा, जैसे तमाम विकासों पर अच्छी व्यवस्था कर नगर मे विकास की गंगा वहा सकती है। स्वयं चेयरमैन की कुर्सी सवाल सकती है। अगर चेयरमैन ही शिक्षित नही होगा तो नगर की व्यवस्थाओं मे मठाधीशों का राज होगा और नगर का विकास यू ही पीछे चलता जाऐगा। इसलिए इस बार जनता एक शिक्षित महिला को ही चेयरमैन देखना चाहती है।
*ज्यादातर सभासद रही महिला फिर भी स्वयं नही देखा वर्डो का हाल*
पिछले चुनाव मे ज्यादातर वार्डो से सभासद महिलाऐ ही रही और उनके पति सभासद की कुर्सी पर बैठकर हुक्म चलाते रहे। यहां तक की नगर पंचायत के रजिस्टर हो या मीटिंग चेक पर साइन यहा तक की जनता के कागजों पर भी उनके पति मोहर व साइन करते रहे। उनको तो यह भी नही मालुम होगा कि जिसने उन्हें वोट दिया उनका पांच सालों मे कोई काम हुआ या नही वह पांच साल में उनसे प्रसंन्न रहे या अगली बार के लिए उन्हें कोसते रहे। यही कारण है कि वार्डो मे आज भी गंदगी फैली रहती है। समस्याओं का खातमा होने की बजाय समस्याओं मे विस्तार होता रहा। अगर इस बार शिक्षित चेयरमैन व शिक्षित सभासद हो तो नगर मे विकास की गंगा बहाने से कोई रौक नही सकता।