शैलेंद्र दुबे ने कहा, "सरकार ने जिन 3000 बिजली कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किया है। उनको वापस लिया जाएगा। इसके अलावा, 22 लोगों पर एस्मा लगाया था, 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसे भी सरकार वापस लेगी। यह हड़ताल ऊर्जा मंत्री के आश्वासन और हाईकोर्ट के सम्मान में वापस हुई है। उन्होंने कर्मचारियों से तत्काल काम पर वापस लौटने की बात कही। हालांकि, एक बार फिर से कर्मचारियों को कहीं भी कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है।"
दोपहर 2 बजे हुई थी तीसरे राउंड की बैठक
तीसरे राउंड की बैठक दोपहर दो बजे हुई थी। ये बैठक करीब 20 मिनट तक चली। जिसमें ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज और बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। बातचीत में मंत्री और कर्मचारियों नेताओं के बीच सहमति बनी। जिसके बाद मीडिया को बुलाया गया।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मीडिया से कहा कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने हड़ताल वापस ले ली है। इस दौरान सरकार की तरफ से जितनी भी दंडात्मक कार्रवाई की गई है। उसे वापस लिया जाएगा। संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी नहीं होगी। जिन 22 कर्मचारी नेताओं पर एस्मा लगाया गया था। उसका भी हटाया जाएगा। इसके अलावा कर्मचारियों के खिलाफ जो 29 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। सरकार उसको भी वापस लेगी। कर्मचारियों की मांगों पर जल्द ही वार्ता कर उसका निस्तारण किया जाएगा।